Happy Karwa Chauth Images: पूरे देश में करवा चौथ की धूम, देखिए आपके शहर में कब नजर आएगा चाँद। हमारे जीवन में प्रत्येक भारतीय त्योहार का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इनमें से एक है “करवा चौथ”। यह त्योहार विशेष रूप से उत्तर भारत में प्रमुख रूप से मनाया जाता है, लेकिन आजकल यह पूरे देश में पसंद किया जाता है। यह हिन्दू समुदाय में एक महिला के पति की दीर्घायु और सुख-शांति की कामना करने का व्रत है और इसका त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस लेख में, हम करवा चौथ के महत्व, पूजा विधि और कथा के बारे में विस्तार से जानेंगे।
करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ का त्योहार हर साल कार्तिक मास के चौथे दिन को मनाया जाता है, जो व्रत के रूप में महिलाएं रखती हैं। इस दिन महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु और खुशी-खुशी जीवन की कामना करती हैं और उनके लिए व्रत रखती हैं।करवा चौथ का यह पर्व सबसे अधिक उत्तर भारत में मनाया जाता है। करवा चौथ, भारतीय समाज के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है जो पति-पत्नी के रिश्तों को मजबूत करता है और प्यार और स्नेह की गहरी भावनाओं का प्रतीक होता है।
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— Parineeti Chopra (@ParineetiChopra) October 26, 2023
मध्यप्रदेश स्तर पर करवाचौथ पर चंद्रोदय
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यह पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है और महिलाएं इसे खास धूमधाम से मनाती हैं। इस ब्लॉग में, हम जानेंगे करवा चौथ के महत्व के बारे में, इसका इतिहास, और इसे कैसे मनाया जाता है। करवा चौथ का महत्व भारतीय समाज में गहरी भावनाओं और परंपराओं का प्रतीक है। यह पर्व पति-पत्नी के बीच एक गहरे और सजीव संबंध को दर्शाता है और उनके बीच स्नेह और समर्पण की गहरी भावनाओं को प्रमोट करता है।
करवा चौथ के पीछे की कहानी
करवा चौथ का पर्व एक रोमांटिक कथा के पीछे है, जिसमें पति-पत्नी के प्यार और समर्पण की मिसाल दी गई है। इस कथा के अनुसार, एक बार की बात है, एक सुंदर रानी अपने दोस्तों के साथ नदी के किनारे पूजा कर रही थी। वह बहुत प्यारी और सावधान थी, और उसके पति के साथ खुश थी। एक दिन, वह अपने पति के साथ दरबार में बैठी थी और अपने दोस्तों के साथ मजे कर रही थी। तभी आचानक एक दुकानदार द्वारका के दरवाजे पर आया और एक बड़ा पिंगण बेचने का प्रस्ताव दिया।
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उसने कहा कि जो कोई भी इस पिंगण को किसी समय ब्रत के बिना नहीं खाता, उसकी वीवाहित जीवन की खुशियाँ बढ़ जाएंगी। रानी ने इस बात को ध्यान में रखते हुए पिंगण को खरीद लिया और ब्रत का आयोजन किया। वह बहुत ही समर्पित थी और ब्रत को एक नियमित रूप से मनाने का निश्चय किया। करवा चौथ के दिन, रानी और उसके दोस्त नदी के किनारे जाकर पूजा करने लगीं। वे अपने पति के लिए व्रत रख रही थीं और बिना कुछ खाए पूजा कर रही थीं।
इसके बाद, वे अपने पति के पास वापस आईं और पिंगण को देखकर खाने लगीं। तब उनके दोस्तों ने उनसे पूछा कि वह इस पिंगण को क्यों खा रही हैं, जब उन्होंने व्रत रखा है। रानी ने उनसे पिंगण के महत्व के बारे में बताया और कहा कि वह अपने पति के लिए इसे खा रही है क्योंकि वह उनके लिए सब कुछ कर सकती है। इसके बाद, रानी ने पिंगण को खाया और अपने पति के पास वापस आईं। वे बहुत ही प्यार से और समर्पित भाव से अपने पति की सेवा करने लगीं ।
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और उनके साथ अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहीं।इस कथा से हमें यह सिखने को मिलता है कि करवा चौथ के पर्व का महत्व केवल व्रत का नहीं होता है, बल्कि इसका महत्व उस समर्पण और प्यार में होता है जो पति-पत्नी के बीच होता है। इसे एक अवसर के रूप में देखा जा सकता है जब पत्नी अपने पति के प्रति अपनी गहरी भावनाओं का प्रदर्शन करती है और पति भी अपनी पत्नी के प्रति समर्पित होते हैं।
करवा चौथ का ऐतिहासिक परिचय
करवा चौथ का महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पृष्ठ भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। इसका इतिहास कातेजी पर आधारित है और इसे निम्बू, सिंदूर और मेहंदी की थाली, करवा, चाँद और पूजा की थाली के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वे इस दिन अपने पति की दीर्घायु और सुख-संपत्ति की कामना करती हैं। Happy Karwa Chauth Images
करवा चौथ का व्रत
करवा चौथ के दिन, पत्नी एक व्रत रखती है, जिसे व्रती व्रत कहलाते हैं। इस व्रत का अर्थ होता है कि वे रोज़ बिना भोजन किए अपने पति के सुख-संपत्ति की कामना करती हैं। यह व्रत विशेष ध्यान और संवाद के साथ किया जाता है ताकि पति-पत्नी के बीच अधिक संबंध बन सकें। हालांकि करवा चौथ का मुख्य आकर्षण फास्टिंग और उसके बाद चाँद की उपासना है, इसमें और भी कई महत्वपूर्ण पहलू हैं जो इसे एक अद्वितीय त्योहार बनाते हैं।
करवा चौथ की पूजा
करवा चौथ के दिन, पत्नी अपने पति की दीर्घायु और सुख-संपत्ति की कामना करती हैं और उनके पतिव्रत्ता धर्म की रक्षा करने के लिए चाँद की पूजा करती हैं। चाँद की पूजा के बाद, पत्नी अपने पति के सामने एक विशेष प्रार्थना करती है और फिर अपने पति के हाथ से खाना खाती हैं, जिसके बाद वे फास्ट खोलती हैं। Happy Karwa Chauth Images
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चाँद की पूजा में चाँद को देखकर व्रती पत्नी एक थाली पर चाँद का दर्शन करती हैं और उसे आरती देती हैं। उन्होंने अपने पति की दीर्घायु और सुख-संपत्ति की कामना करते हुए चाँद की पूजा करते समय अपने पति के प्रति अपना प्रेम और विश्वास भी दिखाती हैं। यह दिखाता है कि करवा चौथ केवल एक व्रत नहीं है, बल्कि यह पति-पत्नी के संबंधों को मजबूती और प्यार में बढ़ावा देता है।