गहलोत सरकार ने मनचलों की नाक में कसी नकेल ! छेड़छाड़ करने वालों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी। सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देर रात कानून व्यवस्था की बैठक में अफसरों और पुलिस अधिकारियों को ऐसे मनचलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए है। इस निर्देश में साफ कहा गया है कि ऐसे आरोपियों को सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। आप सोच रहे होंगे, ये होगा कैसे तो हम आपको बता दे प्रशासन छेड़छाड़ करने वाले ऐसे सभी मनचलों का रिकॉर्ड रखेगा।
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गवानी पड़ सकती है सरकारी नौकरी
उसके बाद इस पूरे डेटा को RPSC और कर्मचारी चयन बोर्ड समेत प्रवेश परीक्षा आयोजित करने वाली अन्य संस्थाओं को भेजा जाएंगे। जब कोई व्यक्ति नौकरी के लिए अप्लाई करेगा तो सबसे पहले ये संस्थाएं उसका कैरेक्टर सर्टिफिकेट चेक करेंगी। अगर कोई छेड़छाड़ की घटना में लिप्त पाया गया तो तत्काल उसका आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाएगा।इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक में मौजूद नेताओं और अधिकारीयों से कहा- राजस्थान में महिलाओं और कमजोर वर्ग के खिलाफ हो रहे अपराधों को रोकना हमारा कर्तव्य है।
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गहलोत सरकार ने मनचलों की नाक में कसी नकेल ! छेड़छाड़ करने वालों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी
CM गहलोत ने क्या कहा ?
प्रदेश की कांग्रेस सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आगे कहा भीलवाड़ा की घटना बेहद दुखद है। पुलिस और प्रशासन द्वारा मामले की गंभीरता को समझते हुए अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जा रही है। हम पूरी कोशिश कर रहे है ताकि मासूम के अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाई जा सके। बच्चियों और महिलाओं की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान कांग्रेस में राजेंद्र गुढ़ा के रूप में जो भूचाल आया था, उसका मलबा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब तक ढो रहे है।
राजस्थान में महिलाओं पर शुरू हुई राजनीति
दरअसल राजस्थान विधानसभा में मणिपुर हिंसा और महिलाओं के साथ हुई अभद्रता पर बहस के दौरान खुद गहलोत सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने अपनी ही कांग्रेस पार्टी के नेताओं और सरकार पर महिलाओं का शोषण करने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद से ही कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था। इसलिए राजस्थान सरकार के इस फैसले को सियासत से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीँ विपक्ष ने इसे चुनावी हथकंडे करार दिया है।
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