FIROZABAD LOK SABHA SEAT: उत्तरप्रदेश लोकसभा चुनाव में यादव परिवार की ‘हॉट सीट’ पर भगवा लहराने की तैयारी में जुटी BJP को रोक पाएंगे अखिलेश ? उत्तर प्रदेश से लोकसभा की 80 सीटों में से पांच पर अखिलेश यादव परिवार से उम्मीदवार चुने गए हैं। इन पांच सीटों में से एक फिरोजाबाद इस बार ‘हॉट सीट’ बन गई है। यहां से प्रोफेसर साहब के बेटे को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। जैसे BJP के चाणक्य अमित शाह के रूप में माना जाता है, वैसे ही समाजवादी पार्टी के भीतर प्रोफेसर साहब की महत्ता है। लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में उनके बेटे को हार का सामना करना पड़ा था।
इस बार प्रोफेसर साहब ऐसा कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। राजनीतिक हलकों में कहा जा रहा है कि फिरोजाबाद को सेफ रखने के लिए प्रोफेसर साहब हर मुमकिन कदम उठा सकते हैं। उसी समीकरण के तहत राज्यसभा के लिए रामजी लाल सुमन को टिकट दिया गया है। वह फिरोजाबाद के सांसद भी रह चुके हैं। इलाके में उनका असर भी माना जाता है। सीट यादव परिवार को जाने के बाद उनका एडजस्टमेंट नहीं हो पा रहा था। उनकी नाराजगी कहीं भारी न पड़ जाए, इसका खयाल रखते हुए उन्हें राज्यसभा का टिकट दिया गया।
FIROZABAD LOK SABHA SEAT
इस क्षेत्र से पूर्व विधायक अजीम भाई भी आते हैं। 2022 में समाजवादी पार्टी ने उनका टिकट काटा तो वह BSP में चले गए थे। उनकी नाराजगी भी दूर करने की कोशिश हो रही है। समाजवादी पार्टी के चीफ ने फिरोजाबाद जाकर उनसे मुलाकात की। चर्चा है कि उनकी नाराजगी को खत्म करने के लिए उन्हें विधानपरिषद भेजा जा सकता है। यानी यादव परिवार फिरोजाबाद सीट पर जीत के लिए कुछ भी करने को तैयार है। उत्तर प्रदेश में राजा भैया का राजनीतिक प्रवृत्ति हमेशा सत्ताधारी दल के साथ जुड़ी रही है। केवल मायावती ही थीं, जिनके साथ उनका समझौता नहीं हो सका।
बहनजी के मुख्यमंत्री पद पर रहते समय, राजा भैया को जेल में ही रखा गया था। उसके बाद से, जब से उत्तर प्रदेश में BJP की सरकार बनी है, वह उसी के साथ जुड़े हुए नजर आते हैं। BJP को भी उनके संगठन के साथ चलने की आदत का अच्छे से पता है। इसलिए योगी आदित्यनाथ की काबिलियत कार्यकाल में राजा भैया को बहुत ध्यान नहीं मिला। पार्टी को पता था कि उनके पास केवल BJP के साथ ही विकल्प है। लेकिन राज्यसभा चुनाव के आसपास, राजा भैया की महत्वाकांक्षा में वृद्धि हुई है।
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इस चुनाव में, भाजपा ने उत्तर प्रदेश से आठ प्रत्याशी उतारे हैं, जिससे राजा भैया के लिए बाहर से वोट आ सकते हैं। इन हालातों में, राजा भैया ने समाजवादी पार्टी के साथ संपर्क स्थापित किया। उन्होंने यह दिखाने का प्रयास किया कि उनका वोट राज्यसभा चुनाव में अखिलेश यादव की पार्टी को भी मिल सकता है। इसके बावजूद, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने उन्हें समझाया और उनके खिलाफी धारणाओं को दूर किया। अब सूत्रों के अनुसार, राज्यसभा चुनाव में राजा भैया भाजपा को ही समर्थन देंगे।
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