Farmers Protest In Delhi: किसानों को रोकने के लिए केजरीवाल की किलेबंदी! 2500 टेक्टर्स के साथ दिल्ली की ओर बढे अन्नदाता। किसान आज दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं। Farmers Protest से पहले किसान संगठनों और सरकार के बीच सोमवार को 5 घंटे तक बैठक हुई, लेकिन यह बैठक व्यर्थ रही। सरकार और किसानों के बीच वार्ता क्यों नहीं हो पाई। किसानों ने मंगलवार को 13 फरवरी 2024 से दिल्ली में प्रदर्शन के लिए तैयारी की है। सोमवार रात को केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच हुई बैठक व्यर्थ रही, जो पांच घंटे से अधिक चली।
क्यों हो रहा किसान आंदोलन (Farmers Protest In Delhi)
एक किसान नेता ने कहा कि किसान मंगलवार से दिल्ली में मार्च (Farmers Protest) करेंगे। सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमें नहीं लगता कि सरकार हमारी किसी भी मांग पर गंभीर है, और हम कल सुबह 10 बजे दिल्ली की ओर मार्च करेंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि अधिकांश मुद्दों पर सहमति बन गई है और सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि शेष मुद्दों को एक समिति के माध्यम से सुलझाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा चाहती है कि हर मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाया जाए, और वे अब भी आशान्वित हैं और बातचीत का स्वागत करते हैं।

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बैठक में इन विषय पर सहमति नहीं बनी ?
खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में सेक्टर 26 में किसान नेताओं के साथ दूसरे दौर की बैठक की। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर समेत अन्य लोग शाम करीब साढ़े छह बजे शुरू हुई बैठक में शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार, बैठक में केंद्र ने 2020-21 के आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने पर सहमति जताई। हालांकि, किसान नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने वाले कानून को बनाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
सरकार की मंशा साफ नहीं – किसान नेता
- बैठक के बाद किसान नेता पंढेर ने बताया, हमने उनके साथ लंबी चर्चा की। हर मुद्दे पर चर्चा हुई। हमारी कोशिश किसी भी टकराव से बचने की थी। हम चाहते थे कि उनके साथ चर्चा के माध्यम से इस मुद्दे को हल किया जाए। किसान आंदोलन आवश्यकता न पढ़े। अगर सरकार ने हमें कोई पेशकश की होती तो हम अपने आंदोलन पर पुनर्विचार कर सकते थे। उन्होंने दावा किया कि सरकार की मंशा साफ नहीं है।
- पंढेर ने कहा, वे हमें कुछ भी नहीं देना चाहते। हमने उनसे निर्णय लेने के लिए कहा है। उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने की किसानों की मांग पर कोई निर्णय नहीं लिया। हम कल सुबह 10 बजे दिल्ली की ओर मार्च करेंगे। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रियों ने पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने पर भी सहमति जताई है।
- बैठक में भाग लेने वाले एक किसान नेता ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी मुख्य मांगों में एमएसपी की कानूनी गारंटी और कर्ज माफी शामिल है। बैठक में शामिल हुए पंजाब के कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है। केंद्रीय मंत्रियों और किसान संगठनों के नेताओं के बीच आठ फरवरी को पहली बैठक में विस्तृत चर्चा हुई थी।

दिल्ली में धारा 144 लागू, पुलिस ने की किलेबंदी
- इससे पहले दिल्ली पुलिस ने किसानों के मार्च के कारण व्यापक पैमाने पर तनाव और सामाजिक अशांति पैदा होने की आशंका के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में एक महीने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
- दिल्ली की सीमाओं पर आगंतुकों को वाहनों के प्रवेश से रोकने के लिए कंक्रीट के ब्रेकर और लोहे के तीव्र रोकटोक को लागू किया गया है। इन उपायों के प्रभाव से सोमवार को सुबह दिल्ली के सीमावर्ती क्षेत्रों में यातायात पर असुविधा हुई, जिससे यात्रियों को परेशानी हुई।