Diwali 2023: धनतेरस से लेकर दिवाली और भाई दूज तक यहां देखें शुभ मुहूर्त “दिवाली 2023: दिवाली की तैयारियाँ आरंभ हो चुकी हैं, लोग आने वाली लक्ष्मी माता का स्वागत करने के लिए तैयार हैं. चार दिन के बाद हमें दिवाली का महोत्सव मनाना है. आइए, हम इसके साथ जुड़े महत्वपूर्ण विषयों के बारे में जानते हैं.”
भगवान राम और माता सीता के आगमन का स्वागत
“Diwali 2023: दीपावली के आगमन का समय आपसे कुछ ही दिन दूर है। बाजारों में आप दीपावली के सौन्दर्य की चमक देख रहे हैं, जब लोग इस खास त्योहार की आगाही में लगे हैं। लोग अपने घरों को सजाने की तैयारी में हैं और शॉपिंग कर रहे हैं, खासकर आभूषणों की। दीपावली (Diwali 2023) हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसमें धार्मिक, सामाजिक और वैज्ञानिक पहलु भी होते हैं।”
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पौराणिक कथाओं के अनुसार मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीराम ने लंका के रावण को पराजित करके अयोध्या लौटने के बाद मनाया था। इस खुशी के मौके पर, अयोध्यावासी ने भगवान राम और माता सीता के आगमन का स्वागत करने के लिए दीपक जलाकर अपनी खुशी और आनंद का इजहार किया था। इस घड़ी से ही दिवाली का पर्व मनाने का आरंभ हुआ है।
इसके साथ ही, पद्म पुराण और स्कंद पुराण में भी इस त्योहार के महत्व का वर्णन किया गया है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाता है कि हिंदू पंचांग के कार्तिक मास में सूर्य की स्थिति में परिवर्तन होता है, और इसके कारण दिन छोटे होते हैं और रातें बड़ी होती हैं।
Diwali 2023: त्योहार तारीख दिन पूजा का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष विद्वेषों के अनुसार, दिवाली का त्योहार 2023 में धनतेरस के अवसर पर 10 नवंबर को शुरू हो रहा है और इस महापर्व का आयोजन 12 नवंबर 2023 को किया जाएगा। यह दिवाली के उत्सव की शुरुआत है और समापन है।
दिवाली 2023 के महोत्सव कैलेंडर (Diwali 2023 Festival Calendar) त्योहार तारीख दिन पूजा मुहूर्त
धनतेरस (Dhanteras) 10 नवंबर 2023 शुक्रवार शाम 5:47 बजे से रात 7:43 बजे तक
छोटी दिवाली (Chhoti Diwali) 11 नवंबर 2023 शनिवार शाम 5:39 बजे से रात 8:16 बजे तक
दिवाली (Diwali) 12 नवंबर 2023 रविवार शाम 5:39 बजे से रात 7:35 बजे तक
गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) 13 नवंबर 2023 सोमवार सोमवार सुबह 6:14 बजे से सुबह 8:35 बजे तक
भाई दूज (Bhai Dooj) 14 नवंबर 2023 मंगलवार दोपहर 1:10 बजे से दोपहर 3:22 बजे तक
“2023 का धनतेरस – इस वर्ष, कार्तिक त्रयोदशी को हम धनतेरस मना रहे हैं. धनतेरस का आयोजन दिवाली के महत्वपूर्ण आगमन की घोषणा करता है और इससे दिवाली का आरंभ हो जाता है.”
Diwali 2023: निशिता काल में पूजा की जानी चाहिए।
(Diwali 2023)- दिवाली इस बार 12 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी. इस पावन अवसर पर मां लक्ष्मी की विशेष पूजा आयोजित की जाती है। इसके रूप में मान्यता है कि दिवाली की रात, निशिता काल में पूजा की जानी चाहिए। इस वर्ष, दिवाली के दिन निशिता काल का समय होगा –
रात 11:39 से 13 नवंबर 2023, प्रात: 12:32 तक। इस अवधि के दौरान – 52 मिनट का समय होगा। महानिशीथ काल – 11:39 से 12:31 तक रहेगा। सिंह काल – 12:12 से 02:30 तक आवेगा।
दिवाली 2023 के शुभ चौघड़िया पूजा मुहूर्त (Diwali Choghadiya 2023):
- अपराह्न मुहूर्त (शुभ) – 01:26 से 02:47 तक
- सायंकाल मुहूर्त (शुभ, अमृत, चल) – 05:29 से 10:26 तक
- रात्रि मुहूर्त (लाभ) – 01:44 से 03:23 तक
- उषाकाल मुहूर्त (शुभ) – 05:02 से 06:41 तक
लक्ष्मी माता के आगमन का स्वागत करे
Diwali 2023: लक्ष्मी पूजा की तैयारियों की चरणशीलता के साथ आगामी दिवाली के अवसर पर जल्दी से आरंभ हो गई है। लक्ष्मी माता के आगमन का स्वागत करने के लिए लोग उत्सुकता से तैयार हो रहे हैं। इसके चार दिन बाद हम दिवाली का महत्वपूर्ण पर्व मनाएंगे, जिसके साथ हम जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को जानते हैं।
दिवाली (Diwali 2023) के पूजा में, आपको लक्ष्मी जी की चौकी स्थापित करनी होगी। लक्ष्मी जी की चौकी को सजाने के लिए, पहले एक शुभ तिथि चुनें और अपने पूजा स्थल पर एक सफा और शुद्ध स्थान तैयार करें। इस चौकी को पूजा के स्थल पर रखें और उसके ऊपर एक लिब वस्त्र बिछा दें, जिससे यह स्थल पवित्र हो। फिर चौकी के मध्य में कुछ चावल रखें, जिसे धन की प्राप्ति के लिए प्रसन्नता के चिह्न के रूप में माना जाता है।
अब, आपको कलश स्थापित करना होगा। कलश को चौकी के बीच में रखें। आप कलश में तांबा, पीतल, या फिर चांदी का कलश भी रख सकते हैं, जो धन की समृद्धि की प्रतीक होता है। कलश में जल भरें और उसमें फूल, चावल के कुछ दाने, एक धातु का सिक्का, और एक सुपारी डालें। कलश का मुख पांच आम के पत्तों से ढक दें, जिससे कलश सुरक्षित रहे।
अब, लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति को चौकी के मध्य में रखें। यह मूर्ति को कलश के दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखने का अद्वितीय महत्व होता है। इसके बाद, पूजा को प्रारंभ करें। पूजा के लिए फल, मिष्ठान, और अन्य प्रसाद रखें, जिसके बाद आप नोट या सिक्के आदि को भी पूजा समय उपयोग कर सकते हैं। यह पूजा का महत्वपूर्ण हिस्सा है और धन, समृद्धि, और खुशियों की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
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