Yuvraj Singh: कैंसर होने का बाद भी युवराज सिंह कैसे बने टीम इंडिया के ‘संकट मोचन’   

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Yuvraj Singh: कैंसर होने का बाद भी युवराज सिंह कैसे बने टीम इंडिया के 'संकट मोचन'   
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Yuvraj Singh: कैंसर होने का बाद भी युवराज सिंह कैसे बने टीम इंडिया के ‘संकट मोचन’ भारतीय टीम के पूर्व नेता, युवराज सिंह (Yuvraj Singh), आज अपना 42वां जन्मदिन मना रहे हैं। युवराज ने अपने करियर में उन सभी मील के पथिकों को हासिल किया है जो किसी सुपरस्टार क्रिकेटर से आशीर्वादित होता है। उनका चमकता सितारा साल 2007 के टी-20 विश्व कप में खास रूप से उजागर हुआ था, जब उन्होंने स्टुअर्ट ब्रॉड के खिलाफ 6 छक्के लगाए थे, जिसकी याद आज भी उनके प्रशंसकों के दिल में ताजगी से बसी है।

उनका योगदान विशेषकर 2011 विश्व कप में महत्वपूर्ण था, जब भारतीय टीम ने 28 वर्षों के बाद विश्व कप का खिताब जीता। इस ऐतिहासिक क्षण में, युवराज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनका योगदान टीम के जीत में अविस्मरणीय रहा। उन्होंने अपने वनडे करियर में 304 मैचों में 8701 रन बनाए, साथ ही टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 58 खेलकर 1177 रन बनाए, जो एक शानदार सफलता की कहानी है। युवराज सिंह ने यद्यपि टेस्ट क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा सके, लेकिन उन्होंने वर्ल्ड कप में भारत को जीतने में जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, वह दरअसल अविस्मरणीय थी।

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क्रिकेट को लेकर Yuvraj Singh का अलग जस्बा

10 जून 2019 को, युवी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान किया था। 2011 के विश्वकप में, युवराज सिंह ने ऑलराउंड प्रदर्शन करके पूरी दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया था। युवी ने वर्ल्ड कप 2011 में 362 रन बनाए और 15 विकेट लेकर चौंका दिये। इस कारण उन्हें टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का उपाधि प्राप्त हुआ था। बता दें कि इस समय युवराज सिंह को कैंसर से लड़ रहे थे, लेकिन उन्होंने देश के लिए मैच खेलते हुए एक अद्भुत प्रदर्शन किया और भारत को विश्व चैम्पियन बनाया।

Yuvraj Singh: कैंसर होने का बाद भी युवराज सिंह कैसे बने टीम इंडिया के 'संकट मोचन'     

क्रिकेट में Yuvraj Singh योगदान

विश्वकप के बाद, Yuvraj Singh ने अपना इलाज करवाया और मैदान से दूर चले गए। लेकिन साल 2014 में उन्होंने कैंसर से ठीक होकर टीम इंडिया में वापसी की और साबित किया कि “हौसले बुलंद कर, रास्तों पर चलें, तो मुक़ाम हासिल होता है।2011 के विश्व कप में, युवराज सिंह ने एक सर्वांगीण प्रदर्शन किया था, जिससे पूरी दुनिया हैरान हो गई थी। युवी ने वर्ल्ड कप 2011 में 362 रन बनाए और 15 विकेट लेकर चमकी। इसी कारण उन्हें टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का ताज प्राप्त हुआ था।

Yuvraj Singh: कैंसर होने का बाद भी युवराज सिंह कैसे बने टीम इंडिया के 'संकट मोचन'     

ध्यान दें, वह समय युवराज सिंह (Yuvraj Singh) कैंसर से बच्चने का सामना कर रहे थे, फिर भी उन्होंने पूरे विश्व कप में खेलने का साहस दिखाया और भारत को विजेता बनाया। विश्व कप के बाद, उन्होंने अपने इलाज के लिए कदम बढ़ाया और मैदान से दूर रहे। जब वह कैंसर से पूरी तरह से ठीक हो गए, तो 2014 में Yuvraj Singh ने टीम इंडिया में वापसी की और साबित किया कि “अगर हौसले बुलंद हैं और रास्ते पर चलते रहो, तो तुम्हें अपना उच्च स्थान मिलेगा।

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