Bihar PSC Topper Story: आंगनबाड़ी में काम करने वाली गरीब मां का बेटा बना DSP, जानिए बिहार PSC के टॉपर उज्जवल कुमार की कहानी। बिहार लोक सेवा आयोग की 69वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा का फाइनल परिणाम 26 नवंबर को घोषित हुआ। इसमें सीतामढ़ी जिले के उज्जवल कुमार उपकार ने पहला स्थान प्राप्त किया।
गरीब परिवार के बेटे के संघर्ष की कहानी (Bihar PSC Topper Story)
उज्जवल सीतामढ़ी के रायपुर गांव के रहने वाले हैं। उनकी यह सफलता एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार के युवक की प्रेरणादायक कहानी है। उनके पिता सुबोध कुमार गांव में बच्चों को कोचिंग पढ़ाते हैं, और उनकी मां आंगनबाड़ी सेविका के रूप में कार्यरत हैं।
DSP बनने के बाद क्या बोले उज्जवल
डीएसपी बनने के बाद उज्जवल ने कहा कि उन्हें अपनी चयन पर भरोसा था, लेकिन टॉप रैंक हासिल करने पर यकीन नहीं हो रहा। वर्तमान में वे प्रखंड कल्याण पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।
रिश्तेदारों के ताने और संघर्ष का परिणाम
बीपीएससी में टॉप करने वाले उज्जवल ने अपने पुराने दिनों को भी याद किया। उन्होंने बताया कि जब वे 10वीं कक्षा में थे, तो कुछ रिश्तेदार कहा करते थे कि यह लड़का पढ़ाई में अच्छा नहीं है। हालांकि, वे पढ़ाई में कमजोर नहीं थे। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद जब उन्होंने नौकरी छोड़ी, तो रिश्तेदारों ने उनके माता-पिता को भी ताने दिए। लेकिन उनके माता-पिता और भाई-बहनों ने हमेशा उन पर भरोसा बनाए रखा।
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हिंदी माध्यम से पढ़ाई कर बने टॉपर्स
उज्ज्वल कुमार ने हिंदी माध्यम में पढ़ाई करते हुए बीपीएससी में टॉप किया है। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में हिंदी माध्यम से किसी भी छात्र ने बीपीएससी में पहला स्थान प्राप्त नहीं किया था। इस तरह, उज्ज्वल कुमार ने वह उपलब्धि हासिल की है जो पिछले एक दशक में संभव नहीं हो पाई थी।