बिहार का दलित वोट किसके साथ? PM मोदी, राहुल या चिराग!!! सर्वे में सामने आई दिलचस्प सच्चाई

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बिहार का दलित वोट किसके साथ? PM मोदी, राहुल या चिराग!!! सर्वे में सामने आई दिलचस्प सच्चाई
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बिहार का दलित वोट, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नजदीक आते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस बीच दलित समाज को लेकर एक नया सर्वे सामने आया है जिसने कई अहम बातों पर रोशनी डाली है। इस सर्वे से पता चलता है कि दलित मतदाता किस नेता पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं, उन्हें किन सरकारों से शिकायत है और भविष्य में वे किसे समर्थन दे सकते हैं।


पीएम मोदी सबसे लोकप्रिय, राहुल गांधी नजदीकी मुकाबले में

नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स (NACDOAR) और द कन्वर्जेंट मीडिया (TCM) द्वारा किए गए इस सर्वे के मुताबिक, बिहार के दलितों के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रियता पीएम नरेंद्र मोदी की है। लगभग 47.51% दलित मतदाताओं ने मोदी को अपनी पहली पसंद बताया है। वहीं, राहुल गांधी को भी 40.30% समर्थन मिला है, जिससे साफ होता है कि मुकाबला कड़ा है।


सर्वे में दलित समाज की 23 जातियों की भागीदारी

इस सर्वे की खास बात ये रही कि इसे 98 दलित समाज के स्वयंसेवकों ने ही अंजाम दिया। सर्वे में शामिल प्रमुख जातियों में शामिल हैं:

  • दुसाध – 31%
  • रविदास/चर्मकार – 30.72%
  • मुसहर – 17.08%

इनमें से 52.35% लोगों ने दिवंगत रामविलास पासवान को अब तक का सबसे बड़ा दलित नेता माना। वहीं उनके बेटे चिराग पासवान को 25.88% दलितों का समर्थन मिला।

बिहार का दलित वोट किसके साथ? PM मोदी, राहुल या चिराग!!! सर्वे में सामने आई दिलचस्प सच्चाई

नीतीश सरकार से असंतोष और वोटर लिस्ट पर चिंता

इस रिपोर्ट में 48.43% दलितों ने नीतीश कुमार सरकार से नाराजगी जताई है। साथ ही 71.56% दलित मतदाताओं को डर है कि उनके नाम वोटर लिस्ट से हट सकते हैं। हालांकि, अच्छी बात यह है कि 51.22% लोगों को चुनाव आयोग पर भरोसा है, जिससे चुनाव में निष्पक्षता की उम्मीद बनी हुई है।


कौन सा गठबंधन कितना मजबूत

2025 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए दलितों का समर्थन किस गठबंधन को मिल सकता है, इस पर भी रोशनी डाली गई है:

  • महागठबंधन को 46.13% समर्थन
  • एनडीए को 31.93% समर्थन

2020 की तुलना में महागठबंधन का वोट प्रतिशत 0.19% बढ़ा, जबकि एनडीए का 4.6% घट गया है।
रविदास/चर्मकार और अन्य छोटी जातियां महागठबंधन के साथ दिखाई दे रही हैं, जबकि दुसाध और वाल्मीकि/मेहतर जातियां एनडीए के पक्ष में हैं।


जातिगत जनगणना का क्रेडिट किसे

जब सवाल आया कि जातिगत जनगणना का सबसे बड़ा श्रेय किसे दिया जाना चाहिए, तो जवाब कुछ इस तरह सामने आए:

  • 33.15% दलितों ने मोदी को श्रेय दिया
  • 30.81% ने राहुल गांधी को
  • 27.57% ने तेजस्वी यादव को

इससे यह स्पष्ट होता है कि इस मुद्दे पर भी दलितों की सोच बंटी हुई है, लेकिन पीएम मोदी को थोड़ा ज्यादा क्रेडिट मिला।

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बिहार का दलित वोट

इस सर्वे ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि बिहार की राजनीति में दलित मतदाता कितने महत्वपूर्ण हैं। चुनावी समीकरण लगातार बदल रहे हैं और हर दल की नजर इस वर्ग के समर्थन पर टिकी है। हालांकि, जनता का मूड अब तक तय नहीं दिखता — जिससे साफ है कि आने वाला चुनाव और भी दिलचस्प होने वाला है।

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