blood sugar: मानसून का मौसम ठंडक और ताजगी तो लेकर आता है, लेकिन डायबिटीज यानी मधुमेह के मरीजों के लिए यह मौसम कुछ अतिरिक्त चुनौतियाँ पैदा कर सकता है। तापमान और ह्यूमिडिटी में बदलाव, फिजिकल एक्टिविटी में कमी, और खानपान की अनियमितता ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकती है।
बारिश में फंगल और वायरल इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है, जो डायबिटीज रोगियों में जल्दी असर करता है। इसलिए इस मौसम में डायबिटीज को कंट्रोल में रखना और खास सावधानी बरतना बेहद ज़रूरी है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए मानसून में होने वाली आम समस्याएं
- ब्लड शुगर लेवल में उतार–चढ़ाव
मौसम के बदलाव से शरीर की मेटाबॉलिक प्रक्रिया पर असर पड़ता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल अचानक कम या ज्यादा हो सकता है। - इन्फेक्शन का बढ़ता खतरा
बारिश में नमी और गंदगी की वजह से पैरों में फंगल इन्फेक्शन, स्किन इंफेक्शन और जुकाम-बुखार जैसी समस्याएं जल्दी होती हैं। - फिजिकल एक्टिविटी में कमी
लगातार बारिश के कारण बाहर वॉक करना या एक्सरसाइज करना मुश्किल हो जाता है, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल करना मुश्किल हो सकता है। - खानपान में लापरवाही
मानसून में लोग अक्सर तले-भुने या स्ट्रीट फूड की ओर आकर्षित होते हैं, जो डायबिटीज रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है।

ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए बरतें ये जरूरी सावधानियां
1. नियमित ब्लड शुगर चेक करें
इस मौसम में शुगर लेवल में अचानक बदलाव हो सकता है, इसलिए दिन में 2-3 बार ब्लड शुगर की जांच करें और रिकॉर्ड रखें।
2. संक्रमण से बचाव करें
- पैरों को हमेशा साफ और सूखा रखें।
- बंद जूते पहनने से बचें, ताकि नमी से बचा जा सके।
- गीले कपड़े देर तक न पहनें।
- फंगल इन्फेक्शन दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें।
3. संतुलित आहार लें
- हाई-फाइबर, लो-कार्ब और कम शक्कर वाले खाद्य पदार्थ खाएं।
- अधिक पानी पिएं ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।
- बारिश के मौसम में कटे फलों या बाहर की चीज़ों से परहेज करें।
4. नियमित व्यायाम जरूर करें
अगर बाहर जाना संभव न हो तो घर पर योग, वॉकिंग या लाइट एक्सरसाइज करें। 20-30 मिनट की एक्टिविटी भी शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने में मदद करती है।
5. तनाव को ना बढ़ने दें
मानसून में कई बार मूड स्विंग्स और तनाव महसूस होता है, लेकिन यह ब्लड शुगर को भी प्रभावित कर सकता है। मेडिटेशन, संगीत या पढ़ाई जैसी शांति देने वाली गतिविधियाँ करें।
6. दवाइयों का समय न बदलें
अक्सर लोग बारिश या छुट्टियों में दवाइयाँ लेना भूल जाते हैं। ऐसा न करें। इंसुलिन या अन्य दवाइयाँ समय पर लें।

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क्या खाएं और क्या न खाएं? – मानसून डाइट टिप्स
खाएं | न खाएं |
ओट्स, दालें, हरी सब्जियाँ | तले-भुने पकौड़े |
नींबू पानी, नारियल पानी | शक्कर युक्त जूस |
अदरक-हल्दी युक्त हर्बल चाय | बाहर का स्ट्रीट फूड |
अंकुरित अनाज | कटे-फटे फल (खासकर बाहर के) |
घर पर ही करें ये 3 आसान उपाय
- मेथी दाना पानी – रात में 1 चम्मच मेथी भिगो दें, सुबह उसका पानी पिएं।
- दालचीनी पाउडर – एक चुटकी दालचीनी पाउडर को गुनगुने पानी में मिलाकर पिएं।
- नीम के पत्ते – 4-5 नीम की कोमल पत्तियाँ सुबह खाली पेट चबाएं।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
यदि आपको निम्न में से कोई लक्षण नज़र आए तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें:
- बार-बार पेशाब आना या बिल्कुल न आना
- अचानक वजन घटने या बढ़ने लगना
- पैरों में सूजन या घाव जो जल्दी न भरें
- बुखार या स्किन पर लाल चकत्ते
blood sugar
बारिश का मौसम जहां आम लोगों के लिए राहत लाता है, वहीं डायबिटीज मरीजों के लिए यह कुछ अतिरिक्त जिम्मेदारियां लेकर आता है। लेकिन थोड़ी सी सावधानी और सही दिनचर्या अपनाकर आप इस मौसम में भी स्वस्थ रह सकते हैं।
अपने ब्लड शुगर को नियमित जांचते रहें, संतुलित भोजन करें और डॉक्टर की सलाह अनुसार दवाएं लें। सावधानी ही सुरक्षा है।