BAPS Hindu Mandir In Abu Dhabi: प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश दुबई में किया भव्य हिन्दू मंदिर का लोकार्पण, सनातन धर्म से कितना मेल खाता है मंदिर। अबूधाबी में पहला हिंदू मंदिर आज, अर्थात 14 फरवरी को, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटित किया जाएगा। यह मंदिर अपने विशाल स्वरूप से विश्वभर के लोगों को आकर्षित कर रहा है। यह मंदिर अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण (बीएपीएस संस्था) द्वारा संयुक्त अरब अमीरात में स्थापित किया गया है। यहां पहला हिंदू मंदिर होने के साथ ही यह मंदिर भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है।
अबू धाबी के मंदिर का क्या आकार है?
अबू धाबी में यह मंदिर 27 एकड़ के परिसर में स्थापित है। इस 27 एकड़ के क्षेत्र में, 13.5 एकड़ में मंदिर बनाया गया है, जबकि दूसरे 13.5 एकड़ का क्षेत्र पार्किंग के लिए आवंटित है। पार्किंग क्षेत्र में 1,400 कारों और 50 बसों को रखने के लिए स्थान है। यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने 2019 में मंदिर के लिए 13.5 एकड़ ज़मीन का उपहार दिया था। यह मंदिर 108 फीट की ऊंचाई में स्थित है। इसकी लंबाई 262 फीट और चौड़ाई 180 फीट है। यहां के मंदिर का बाहरी भाग गुलाबी बलुआ पत्थर से निर्मित है, जो कि यूएई की गर्मी को ध्यान में रखते हुए चुना गया है।
The @BAPS Hindu Mandir, Abu Dhabi, UAE opens its doors for devotees! Feel very blessed to be a part of this very sacred moment. Here are some glimpses. pic.twitter.com/29IhN4ZocK
— Narendra Modi (@narendramodi) February 14, 2024
अबू धाबी का मंदिर कितना ऊंचा है?
यह पत्थर राजस्थान से आया है। इसके अंदरी भाग में इटली का मार्बल उपयोग किया गया है। कुल मिलाकर, मंदिर में 20 हजार टन का पत्थर इस्तेमाल किया गया है। इसके निर्माण में 700 कंटेनर मार्बल का उपयोग हुआ है। इसमें कुल 700 करोड़ रुपये का खर्च आया है। इसमें दो डोम भी शामिल हैं, जो शांति और सद्भावना का प्रतीक हैं। साथ ही, यहां पर यूएई की सबसे बड़ी 3डी-प्रिंटेड वॉल भी है, जिसमें 30 अलग-अलग पौराणिक और आधुनिक भाषाओं में “हारमनी” लिखा गया है।
अबू धाबी मंदिर में कौन-कौन से भगवान की मूर्ति स्थापित है?
अबू धाबी मंदिर में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की प्रतिमाएं स्थापित हैं। साथ ही, मंदिर में भगवान शिव, पार्वती, गणपति, कार्तिकेय और नंदी बैल की मूर्तियाँ भी हैं। इसके अतिरिक्त, भगवान जगन्नाथ, राधा-कृष्ण, अक्षर-पुरुषोत्तम महाराज (भगवान स्वामीनारायण और गुणातितानंद स्वामी), तिरुपति बालाजी, पदमावती, और भगवान अयप्पा की मूर्तियाँ भी मंदिर में स्थापित हैं। इसके अलावा, मंदिर में भारतीय नदियों का पावन जल भी है, जिसमें गंगा-यमुना का पानी भी शामिल है। साथ ही, सरस्वती नदी को वाइट लाइट से प्रकाशित किया गया है और गंगा के घाटों की भावना भी बनाई गई है, जहां गंगा का पानी बह रहा है।
BAPS Hindu Mandir In Abu Dhabi
स्वामीनारायण जी का यह मंदिर भारत और अबूधाबी के अतिरिक्त विश्व के कई देशों में है, जहां भगवान स्वामीनारायण को परब्रह्म मानकर उनकी पूजा की जाती है। इसलिए, चलिए जानते हैं कि भगवान स्वामीनारायण कौन थे और उनके संप्रदाय का सिद्धांत क्या है। उत्तर प्रदेश में जन्म हुआ था एक समुदाय, जिसे हिंदू धर्म के अन्तर्गत स्वामीनारायण समुदाय कहा जाता है। इस समुदाय के संस्थापक भगवान स्वामीनारायण थे, जिनका जन्म 3 अप्रैल 1781 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हुआ था। स्वामीनारायण जी को सहजानंद स्वामी के नाम से भी जाना जाता है।
BAPS Swami Narayan Mandir Abu Dhabi
उनके पिता श्री हरिप्रसाद और माता भक्तिदेवी ने उनका नाम घनश्याम रखा था। उन्हें पैर में कमल का चिन्ह मिला था, जिसको ज्योतिषियों ने देखकर उनके बारे में अनुमान लगाया कि वे बहुत लोगों को जीवन में मार्गदर्शन करेंगे। कम उम्र में ही उन्होंने शास्त्रों का अध्ययन शुरू किया था। 5 साल की उम्र में उन्होंने अध्ययन की शुरुआत की, और 8 साल की उम्र में जनेऊ संस्कार के साथ ही उन्होंने शास्त्रों का अध्ययन आरंभ किया। कहा जाता है कि बहुत कम समय में उन्होंने अनेक शास्त्रों का अध्ययन किया। छोटी आयु में ही उन्होंने अपने घर को छोड़कर देशव्यापी भ्रमण पर निकल गए, जहाँ वे लोगों से मिलते, सत्संग करते और प्रवचन देते थे।
भव्य BAPS Hindu Mandir In Abu Dhabi
उनकी प्रसिद्धि तेजी से फैलने लगी और उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ती गई। स्वामीनारायण संप्रदाय की उत्पत्ति की कथा बताती है कि जगह-जगह ज्ञान और आध्यात्मिकता को प्रस्तुत करते हुए वे गुजरात पहुंचे और उन्होंने वहाँ स्वामीनारायण संप्रदाय की स्थापना की। इस संप्रदाय और उसके अनुयायियों के माध्यम से उन्होंने समाज में कई अच्छे कार्य किए, जैसे कुरीतियों का समापन और प्राकृतिक आपदाओं में मदद करना। उनकी सेवाओं के कारण लोग उन्हें भगवान का अवतार मानने लगे।
हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक Abu Dhabi Hindu Mandir
भगवान स्वामीनारायण ने अपने शिष्यों को दार्शनिक सिद्धांतों, नैतिकता, और साधना की शिक्षा दी। इस संप्रदाय में कई गुरु हुए, जिन्होंने भगवान स्वामीनारायण की आध्यात्मिक धरोहर को बढ़ाया। भगवान स्वामीनारायण के तीसरे आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, शास्त्री जी महाराज ने 1907 में बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था की स्थापना की, जिसने दुनियाभर में कई मंदिरों की निर्माण की। इस संस्था ने दुनियाभर में 1,200 से अधिक हिंदू मंदिर बनाए हैं, और इसे कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।