बागेश्वर धाम, छतरपुर, मध्यप्रदेश – प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल बागेश्वर धाम में एक बड़े हादसे ने भक्तों को झकझोर दिया। गुरुवार सुबह भारी बारिश और तेज़ आंधी के कारण पंडाल का एक हिस्सा अचानक गिर पड़ा, जिससे एक श्रद्धालु की मौके पर ही मौत हो गई और आठ अन्य लोग घायल हो गए। हादसे के वक्त भारी भीड़ धाम में मौजूद थी, क्योंकि यहां पं. धीरेन्द्र शास्त्री के जन्मदिवस और बालाजी दरबार को लेकर विशेष आयोजन चल रहे थे।
बागेश्वर धाम में हादसा कैसे हुआ?
सुबह 7 बजे आरती पूरी हो चुकी थी और आसमान में काले बादल मंडरा रहे थे। जैसे ही बारिश तेज़ हुई, श्रद्धालु छांव की तलाश में शेड के नीचे इकट्ठा होने लगे। भीड़ ज्यादा थी, और पंडाल की संरचना पानी और हवा का दबाव सहन नहीं कर सकी। अचानक तेज़ हवा के साथ पंडाल का एक हिस्सा गिर गया। इसमें लोहे का एंगल एक श्रद्धालु के सिर पर गिरा जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
मृतक की पहचान और परिवार की आपबीती
हादसे में जान गंवाने वाले व्यक्ति का नाम श्यामलाल कौशल बताया गया है, जो अपने परिवार के साथ दर्शन के लिए आए थे। उनके दामाद राजेश ने बताया कि जब बारिश शुरू हुई तो सभी लोग पंडाल के नीचे आ गए थे। थोड़ी देर बाद ही पंडाल की संरचना गिरने लगी और भगदड़ मच गई। “हमारे 6 लोग घायल हो गए हैं – पत्नी सौम्या, बेटियाँ पारुल और उन्नति, पड़ोसी आर्यन, रिश्तेदार कमला, सभी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है,” उन्होंने बताया।
राजेश ने आगे कहा, “हम लोग बालाजी के दर्शन करने आए थे लेकिन बारिश के कारण पंडाल के नीचे आ खड़े हुए। तभी लोहे की पाइपें गिर गईं और कई लोग उसकी चपेट में आ गए। हमने मुश्किल से अपनी जान बचाई।”

स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
बमीठा थाना प्रभारी आशुतोष श्रुतिया ने बताया कि बागेश्वर धाम में हादसा दरबार हॉल के सामने हुआ, जहां एक वॉटरप्रूफ टेंट लगाया गया था। उसमें बारिश का पानी भर गया और तेज़ हवा चलने लगी, जिससे टेंट का एक हिस्सा ढह गया। कुल 8 लोग घायल हुए, जिनमें से 4 को गंभीर चोटें आई हैं जबकि बाकी को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।
बागेश्वर धाम में क्यों जुटी थी भीड़?
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री 4 जुलाई को अपना जन्मदिन धाम में ही मनाने वाले हैं। इसके लिए पूरे धाम को सजाया गया है और 1 से 3 जुलाई तक दिव्य बालाजी दरबार का आयोजन किया गया है। आयोजन को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, जिसमें दूर-दूर से भक्त शामिल हो रहे हैं।
पं. शास्त्री हाल ही में विदेश यात्रा से लौटे हैं और अब 1 से 12 जुलाई तक धाम में ही रुकने वाले हैं। इस 12 दिवसीय महोत्सव की शुरुआत ही भारी भीड़ और अब एक अप्रत्याशित हादसे से हुई है।
हादसे के बाद का माहौल
घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। लोगों ने एक-दूसरे की मदद से मलबे में दबे श्रद्धालुओं को निकाला। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने तत्काल रेस्क्यू कार्य शुरू किया और घायलों को निकटवर्ती अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बागेश्वर धाम में पंडाल के गिरते ही अफरा-तफरी मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे। कई श्रद्धालु बताते हैं कि अगर मदद समय पर न मिलती, तो हादसा और बड़ा हो सकता था।
क्या थी हादसे की असली वजह?
जानकारी के अनुसार, टेंट की छत पर बारिश का पानी जमा हो गया था और तेज़ हवाओं ने इसकी मजबूती को कमजोर कर दिया। आयोजन स्थल पर इतनी बड़ी भीड़ होने के बावजूद सुरक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर की पर्याप्त व्यवस्था नहीं दिखाई दी। हादसे के बाद टेंट की गुणवत्ता और उसकी फिक्सिंग पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

श्रद्धालुओं की चिंता और सवाल
घटना के बाद श्रद्धालुओं में डर और चिंता का माहौल है। लोगों का कहना है कि इतने बड़े आयोजन में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम नहीं थे। हादसा न केवल दुखद है, बल्कि यह एक चेतावनी भी है कि भविष्य में ऐसे आयोजनों के दौरान सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए।
प्रशासन और आयोजकों पर सवाल
इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और आयोजनकर्ताओं की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब आयोजन पहले से तय था और लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना थी, तो वॉटरप्रूफ पंडाल की गुणवत्ता, फायर और मेडिकल सेफ्टी, और भीड़ प्रबंधन को लेकर क्या इंतज़ाम किए गए थे?
क्या भविष्य में मिल सकता है सुधार?
हादसे के बाद उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन और आयोजक सुरक्षा मानकों को और कड़ा करेंगे। साथ ही, ऐसे आयोजनों में सुरक्षा ऑडिट अनिवार्य किया जा सकता है, जिससे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
बागेश्वर धाम
बागेश्वर धाम का यह हादसा बेहद दुखद और चिंताजनक है। एक व्यक्ति की जान चली गई और कई घायल हो गए। यह घटना न सिर्फ एक व्यक्तिगत नुकसान है, बल्कि एक बड़ी सीख भी है कि धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। प्रशासन को चाहिए कि वह हादसे की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करे और भविष्य के लिए मजबूत प्लानिंग सुनिश्चित करे।