सेब से जुड़ी इन बातों को जानकर हो जायेंगे आप हैरान जाने आखिर क्यों खाना चाहिए सेब

Sanskar09

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सेब:-डॉक्टरों का कहना है की सेब खराब तबीयत के लिए रामबाण इलाज है लेकिन इस का मतलब यह बिलकुल नहीं है कि हम इसका सेवन बहुत अधिक मात्रा में करें या बिना डॉक्टर की सलाह लिए बिना हम इसका सेवन करने लगे तभी भी हमें इसके दुष्परिणाम देखने मिला सकते है सेब में कुछ ऐसे विटामिन पाए जाते है जो हमारे शरीर में नई कोशिकाओं को बनने में मदद करते है सेब का सेवन करना हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है क्योंकि ये हमारे शरीर में बहुत सारे पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है सेब में विटामिन सी, ई और बी-6 होते हैं जिनमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और यह रोग से लड़ने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं। लेकिन जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके है कि सेब का सेवन बहुत अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए और न ही इसका उपयोग किसी बीमारी में बिना डॉक्टर की सलाह लिए करना बिना करना चाहिए

जाने सबसे ज्यादा सेब कहाँ पाए जाते है:-

सेब को उगने के लिए एक विशेष प्रकार की जलवायु कि आवश्यकता होती है इसलिए सेब की खेती हमारे यहाँ नहीं होती सेब कि खेती करने के लिए एक ऐसे मौसम की आवश्यकता होती है जो ना ज्यादा ठंडा हो और न ही ज्यादा गर्म हो इसलिए सेब की खेती प्रमुख रूप से एशिया और यूरोप में इसकी खेती की जाती है सेब को जीनस Malus की प्रजाति कहा जाता है इस प्रजाति का जन्म हिमालयी भारत, पाकिस्तान, चीन, एशिया माइनर और मध्य एशिया के क्षेत्रों में हुआ है

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जाने सेब खाने के क्या होते है फायदे:-

सेब खाने से काम होती है डायबिटीज:-सेब खाने से सबसे हर व्यक्ति को फायदा होता हैं जिस व्यक्ति को डायबिटीज की बीमारी होती है उसे खास कर सेब खाने की सलाह दी जाती है सेब में उपस्थित फाइबर खराब कोलेस्ट्रोल को कम करता है और अच्छे कोलेस्ट्रोल को बढ़ाने में मदद करता है जो डायबिटीज को कम करने में मदद करता है डायबिटीज़ मेलिटस या टाइप -2 डायबिटीज़ एक मेटाबोलिक डिसऑर्डर है जिसे इंसुलिन हार्मोन के सही से काम न करने से पहचाना जाता है। सेब के छिलके में मौजूद फ्लेवोनॉय्ड टाइप -2 डायबिटीज़ के जोखिम को कम करता हैं। सेब खाने और सेब का रस पीने से टाइप -2 डायबिटीज़ बनने के जोखिम को बहुत अच्छे ढंग से कम किया जा सकता है। सेब के रस में फ्लेवोनोइड्स मौजूद होने के कारण आंतों में ग्लूकोज़ का एब्ज़ोर्पशन देरी से होता है और प्लाज़्मा इंसुलिन का लेवल कम होता है।

सेब खाने से दूर है पाचन की समस्या:-आज के इस समय में ख़राब पाचन की समस्या हर एक व्यक्ति को हो रही है ख़राब पाचन को दूर करने के लिए अधिकतर सेब खाया जाता है सेब में पेक्टिन नामक घुलनशील डाइटरी फाइबर बहुत मात्रा में होते हैं, जो पाचन प्रक्रिया में सहायक हो सकते हैं। हम अक्सर सेब का छिलका हटा देते हैं, लेकिन अध्ययनों से पता चला है कि सेब में पेक्टिन का कुल अनुपात लगभग 1.79% है, जो खासतौर पर सेब के छिलके में मौजूद होता है। सेब खाने से, आँतों के माइक्रोफ्लोरा के सहयोग के साथ, इंफ्लेमेटरी बाउल डिज़ीज़ में लाभकारी प्रभाव मिलते है। सेब एक असरदार डाइटरी सप्लीमेंट है जो पेट पर एस्पिरिन के हानिकारक प्रभावों के खिलाफ सहायक होता है और अल्सर के कारण कोलन (बड़ी आंत का हिस्सा) को होने वाले नुकसान को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

सेब हमारी Skin के लिए भी वरदान सिद्ध हुआ है:- सेब हमारे शरीर के अंदर रोगों को तो ठीक करने मदद करता है और उसके साथ साथ हमारी Skin के लिए भी वरदान साबित हुआ है सेब का त्वचा पर बहुत अच्छा असर होता है क्योंकि सेब के रस में फ्लेवोनॉय्ड्स होते हैं। मानव की हाइपर-पिग्मेंटेड त्वचा पर एप्पल एक्सट्रैक्ट फार्मूलेशन वाला वॉटर इन ऑइल इमल्शन लगाने से सीबम (तैलीय पदार्थ) को बनने से कम करने में मदद मिल सकती है। मेलेनिन के लेवल (एक पिगमेंट जिसकी वजह से हमारी त्वचा को रंग मिलता है), चिकनाई और एरिथेमा (त्वचा की लाली) की वजह से मुँहासे होते हैं, यह उनको भी कम कर सकता है।सेब में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो त्वचा को नरम रखने, त्वचा की सतह की नमी बनाए रखने और त्वचा रोगों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

सेब का उपयोग और अलगDiabetes kam karne ke liye kya khana chahie भी तरीकों से किया जाता है:-

सेब से स्वादिष्ट मिठाइयाँ और पकवान भी बनाये जाते है जैसे सेब का सॉस, नेक्टर, सेब पाई और केक बनाए जाते हैं। सेब के छिलकों से चमकीला रंग निकलता है और इसे खाने के रंग के रूप में इसका उपयोग किया जाता है। इसके अलावा सेब का उपयोग बाज़ार में बिकने वाली कुछ न्यूट्रीशन टैब्लेट्स और सेब के सॉफ्ट कैप्सूल सेब के अर्क से तैयार किए जाते हैं।

सेब खाने से भी पहुंच सकता है नुकसान:-

वैसे तो सेब के बहुत सारे फायदे बताये गए है और उन में सबसे ज्यादा सलाह दी जाती है लेकिन ज्यादा जूस पीने से हमारे शरीर में बहुत सारी परेशानी देखनी पड़ती है बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली अभी भी विकासशील अवस्था में होती है, इसलिए वे हमेशा अलग-अलग इन्फेक्शन्स और बीमारियों के प्रति संवेदनशील होते हैं। इसी वजह से, बच्चों को सेब या इससे बनी चीज़ें देते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि उन्हें एलर्जी हो सकती है। बच्चों में इस तरह की समस्या से बचने के लिए डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है। सेब के बीज में थोड़ी मात्रा में साइनाइड होता है। इन बीजों को ज़्यादा खाने से साइनाइड टॉक्सिसिटी हो सकती है। इसलिए सेब के बीज खाने से परहेज़ करें। खाली पेट सेब का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से डायरिया यानी दस्त की समस्या हो सकती है. जो लोग नियमित रूप से सेब का सेवन करते हैं उनमें सरदर्द, चक्कर, थकान आदि की समस्याएं अत्यधिक पायी जा सकती हैं

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