Anil Mishra: नेता-अभिनेता और अरबपतियों को पछाड़ राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम के मुख्‍य यजमान बनने वाले डॉ. अनिल मिश्रा कौन है ?  

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Anil Mishra: कौन है नेता-अभिनेता और अरबपतियों को पछाड़ राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम के मुख्‍य यजमान बनने वाले डॉ. अनिल मिश्रा ?  22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है। इससे पहले, सभी प्राण-प्रतिष्ठा के अनुष्ठान विधिवत पूरे किए जा रहे हैं। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के लिए मुख्य यजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे। लेकिन इससे पहले सभी अनुष्ठान करने के लिए मुख्य यजमान डॉ. अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी उषा मिश्रा का चयन किया गया है।

राम मंदिर आंदोलन में डॉ. अनिल मिश्रा ने निभाई सक्रिय भूमिका

16 जनवरी से शुरू हुए इन अनुष्ठानों का समापन 22 जनवरी को होगा, जब रामलला की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित होगी। इसके लिए, 21 जनवरी तक के अनुष्ठानों को अनिल मिश्रा द्वारा पूरा किया जाएगा। डॉ. अनिल मिश्रा ने राम मंदिर आंदोलन में एक बहुत सक्रिय भूमिका निभाई हैं। वे सरकार द्वारा गठित राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य हैं। उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले में जन्मे डॉ. मिश्रा करीब 4 दशकों से अयोध्या शहर में अपना होम्योपैथिक क्लिनिक संचालित कर रहे हैं।

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Anil Mishra: नेता-अभिनेता और अरबपतियों को पछाड़ राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम के मुख्‍य यजमान बनने वाले डॉ. अनिल मिश्रा कौन है ?  

RSS और Anil Mishra का क्या संबंध

1981 में उन्होंने होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी में बैचलर की डिग्री हासिल की थीं। वे उत्तर प्रदेश होम्योपैथिक बोर्ड के रजिस्ट्रार और गोंडा जिले के होम्योपैथिक अधिकारी पद से सेवानिवृत्त होने के बाद व्यक्तिगत प्रैक्टिस कर रहे हैं। डॉ. अनिल मिश्रा बहुत दिनों से आरएसएस से जुड़े हुए हैं। उन्होंने अपने सक्रिय योगदान के रूप में आरएसएस के सदस्य के तौर पर आपातकाल में विरोध किया था और बाद में राम मंदिर आंदोलन में भी भाग लिया।

उन्होंने अपने पत्‍नी उषा मिश्रा के साथ 16 जनवरी को एक विशेष अनुष्ठान की शुरुआत की, जिसमें सरयू नदी में स्नान और पंचगव्य का सेवन शामिल था। इसके पश्चात, व्रत का आरंभ हुआ, जिसमें प्रश्चिता, संकल्प, और कर्मकुटी पूजा शामिल थीं। उन्होंने बुधवार को कलश पूजन किया और उसी दिन भगवान रामलला की मूर्ति का मंदिर परिसर में भ्रमण कराया गया। तीसरे दिन, यजमान बनकर डॉ. मिश्रा ने रामलला की मूर्ति की पूजा की,

Anil Mishra: नेता-अभिनेता और अरबपतियों को पछाड़ राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम के मुख्‍य यजमान बनने वाले डॉ. अनिल मिश्रा कौन है ?  

जिस स्थान पर मंदिर की नींव रखी जाएगी। इसके बाद, मूर्ति का अधिवास संपन्न होगा। 22 जनवरी को, मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा के लिए काशी के विद्वानों ने एक शुभ मुहूर्त चुना है। इस मुहूर्त में, रामलला की मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित करने से पहले, 121 पुजारी एक हफ्ते तक एक विशेष अनुष्ठान कर रहे हैं, जिसका नेतृत्व वैदिक विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ कर रहे हैं।

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