Anantnag Attack, Anantnag Encounter : G-20 की सफलता देख बौखलाया पाकिस्तान ! अनंतनाग में 3 अफसरों की शहादत की कहानी। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में, भारतीय सेना के तीन अधिकारी आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए हैं। दरअसल एक सुरक्षाबलों की टीम कोकेरनाग में आतंकी समूह के प्रति घेराबंदी करने पहुंची थी। इस दौरान, आतंकवादी ने फायरिंग आरंभ की। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन टीआरएफ ने लिया है। अनंतनाग में सुरक्षा बलों का एंटी-टेरर ऑपरेशन जारी है और कोकरनाग में आतंकी उजैर की घेराबंदी को तेज कर दिया गया है।
देश ने खो दिए अपने कई वीर जवान
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में बुधवार को एक संघर्ष में देश ने सेना के तीन वरिष्ठ अफसरों की बलिदान को देखा। इनमें एक कर्नल, एक मेजर, और एक डीएसपी शामिल हैं। सुरक्षाबलों को कोकरनाग इलाके में हमले की संदेह थी, जो आतंकवादी साजिशकर्ताओं के आशय के बारे में थी। एक टीम ने घेराबंदी की और इस दौरान आगबबूला हुआ जिसमें सेना के राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर (कर्नल) मनप्रीत सिंह, एक कंपनी कमांडर (मेजर) आशीष धोंचक और एक जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट की जान जाने गई। मीडिया रिपोर्ट्स से प्राप्त जानकारी के अनुसार सेना को विश्वस्त गुप्त स्रोतों से आतंकवादियों के गतिविधि के बारे में जानकारी प्राप्त हुई थी।
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#WATCH | J&K: The mortal remains of Rifleman Ravi Kumar, who lost his life in an encounter in Rajouri yesterday, were brought to his residence in Kishtwar. pic.twitter.com/WHCQ51d3Jy
— ANI (@ANI) September 14, 2023
कैसे हुआ Anantnag Attack ?
इस आधार पर, एक पूर्ण प्रमाण योजना तैयार की गई और क्षेत्र में सेना के अधिकारियों के नेतृत्व में जवानों की तैनाती आगे बढ़ाई गई। जैसे ही सेना की टीम उच्च स्थान पर पहुंची, तो पहले से छिपे 2-3 आतंकवादी ने गोलीबारी की शुरुआत की। कर्नल की मृत्यु स्थान पर ही हो गई, जबकि अन्य दो अधिकारियों को गोलियां लग गईं। उन्हें हवाई मार्ग से श्रीनगर के एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां उन्होंने अपनी जान गवाई। इन आतंकवादियों ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) से जुड़वाया था। आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ग्रहण की है। प्रतिबंधित रेजिस्टेंस फ्रंट को पाकिस्तान में स्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ आतंकी संगठन माना जाता है।
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क्या है आतंकी संगठन TRF ?
आपको बता दें Anantnag Attack करने वाले आतंकी संगठन TRF को जनवरी महीने में गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) ऐक्ट (यूएएपीए) के तहत आतंकी संगठन के रूप में घोषित किया गया था। एक हिंदू रिपोर्ट के अनुसार, यह भी दावा किया गया कि टीआरएफ, 2019 में अस्तित्व में आया। मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह आतंकी संगठन युवाओं को ऑनलाइन माध्यमों के माध्यम से जोड़ता है, और फिर उन्हें अपने अवैध कार्यों के लिए उपयोग करता है, जैसे कि आतंकी भर्ती, अवैध प्रवेश, और जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से हथियार और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे कामों में इन युवाओं का संलग्न किया जाता है।
Anantnag Attack हमले का मास्टरमाइंड कौन है ?
यह कहा जाता है कि जम्मू-कश्मीर में रहने वाले लोगों को भारत के खिलाफ उत्तेजना करने के साथ-साथ उन्हें मानसिक दबाव डालने के वैज्ञानिक तरीके से आतंकी समूहों में शामिल होने के लिए भी दबाव डाला जाता है। और यह सब कुछ सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स के माध्यम से किया जाता है। केंद्र सरकार ने जनवरी महीने में TRF को एक आतंकी संगठन के रूप में घोषित किया और इसके साथ ही कहा कि इसका नेता शेख सज्जाद गुल है। आतंकी समूह की गतिविधियाँ भारत की सुरक्षा के लिए खतरनाक हैं। इसी संगठन ने Anantnag Attack को अंजाम दिया।
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