Om Puri Birthday, Happy Birthday Om Puri: चाय के कप धोने और कोयला बीनने से लेकर दिग्गज अभिनेता बनने का सफर। बॉलीवुड के इतिहास में कुछ ऐसे कलाकार होते हैं जिनका कोई मुकाबला नहीं हो सकता। एक ऐसा नाम है ओमपुरी, जिन्होंने अपनी अनोखी अभिनय कला और संवाद कौशल के साथ हिन्दी सिनेमा में अपनी अलग पहचान बनाई है। बॉलीवुड की फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे कलाकार हुए हैं, जिन्होंने अपने अद्वितीय अभिनय कौशल और क्षमता के साथ दर्शकों के दिलों में जगह बनाई है। ओमपुरी भी उनमें से एक थे, जिन्होंने अपने बेमिसाल अभिनय से बॉलीवुड में कई पुरस्कार जीते और विशेष रूप से विचारशील फिल्मों में अपनी अहम भूमिका निभाई।
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चाय के जूठे कप धोए, कोयला बीना, जानिए Actor ओमपुरी के बारे में सब कुछ
भारतीय सिनेमा के एक अद्वितीय किरदार जिनका नाम शायद ही किसी बॉलीवुड स्टार से मिल सकता है, ओमपुरी। उन्होंने अपने अद्वितीय अभिनय कौशल और महान किरदारों के लिए अपने करियर के दौरान कई पुरस्कार भी जीते। इस ब्लॉग में, हम आपको Actor ओमपुरी (Om Puri Birthday)के बारे में सब कुछ जानने का प्रयास करेंगे, उनके जीवन, करियर, और उनके किरदारों के बारे में।
Om Puri Birthday की जीवन की आरंभिक कथा
ओमपुरी का जन्म(Om Puri Birthday) 18 अक्टूबर 1950 को हरियाणा के अम्बाला जिले के बिलग्राम में हुआ था। उनके पिता का नाम राम लक्ष्मण सुखला था, और मां का नाम तारा देवी था। वे अपने परिवार में पांच बच्चों में से एक थे। उनका जन्म नाम अनन्द रमकृष्ण पुरी था, लेकिन उन्होंने अपने अद्वितीय अभिनय कौशल के लिए एक नए नाम ‘ओमपुरी’ अपनाया। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ तेक्नोलॉजी (NSIT) से प्राप्त की और फिर नैनीताल जाकर अपनी शिक्षा की और वहां से उन्होंने नैनीताल के फिल्म इंस्टिट्यूट में अभिनय की शिक्षा प्राप्त की।
ओमपुरी (Om Puri Birthday)के बचपन का समय बहुत ही कठिन था, और वे गरीब परिवार से आते थे। वे कुछ वर्षों तक अपने छोटे गांव में गरीबी में व्यतीत करते थे। उनके परिवार के पास बहुत ही कम संसाधन थे, और उन्होंने कई बार भूखमरी का सामना किया। इसके बावजूद, ओमपुरी (Om Puri Birthday)का जीवन से प्यार और संघर्ष की कहानी है, जिसने उन्हें एक महान अभिनेता बनाया।
उनकी पढ़ाई: ओमपुरी(Om Puri Birthday) की पढ़ाई उनके जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से थी। वे ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हरियाणा के अम्बाला में पूरी की, और फिर बचपन में उन्होंने बहुत कठिनाइयों का सामना किया। लेकिन वे हमेशा शिक्षा के प्रति अपना समर्पण बनाए रखते थे। बाद में, ओमपुरी(Om Puri Birthday) ने नरेंद्र बलहारी कृष्ण कॉलेज, फ़रीदाबाद से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर दिल्ली नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से अभिनय की पढ़ाई की। वहां पर उन्होंने अपने अभिनय कौशल को निखारा और बेहतर अभिनेता बनने के लिए तैयारी की।
महान अभिनेता के रूप में पहचान
करियर की शुरुआत: ओमपुरी(Om Puri Birthday) की अभिनय करियर की शुरुआत थीएटर से हुई। वे न्यू दिल्ली के सराय कैलाश स्थित नाट्या कला मंडल से जुड़े और वहां पर अपने अभिनय कौशल को सुधारने का मौका पाए। ओमपुरी(Om Puri Birthday) का पहला प्रमुख बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के साथ मिलने का मौका “आरण्यक” नामक फ़िल्म से आया था, जिसमें उन्होंने एक छायाचित्री का किरदार निभाया। इसके बाद, उन्होंने कई और बड़ी फ़िल्मों में अभिनय किया, जैसे कि “अर्थ,” “जूमा बराबार जूम,” और “मगलबो बॉम्बे तॉकीज़.”
ओमपुरी(Om Puri Birthday) का अभिनय उन्हें बड़े स्तर पर मशहूरी प्राप्त करने में मदद करा। उनके अद्वितीय अभिनय कौशल और व्यक्तिगतता ने उन्हें बॉलीवुड के अभिनेता के रूप में महान पहचान दिलाई। उन्होंने अपने किरदारों को इतनी विशेषता दी कि उनके अभिनय को सबसे उच्च स्तर का माना गया।
ओमपुरी(Om Puri Birthday) के कई महत्वपूर्ण फ़िल्मों में अभिनय करने का मौका मिला, जैसे कि “जूमा,” “आरथ,” “एक चुटकुला,” “दोन,” “म्यूंबई मेरी जान,” “मैं और मेरा हाथ,” और “मसान”। उनका अभिनय सिनेमा के नायकों की आकार-चित्रण की परंपरा को तोड़कर एक नया मानदंड स्थापित किया, और उन्होंने छवि में असलीता और सामाजिक समस्याओं को उजागर किया। उन्होंने बॉलीवुड के साथ-साथ हॉलीवुड में भी अपने अभिनय कौशल का प्रदर्शन किया, और उन्होंने फ़िल्म “स्लुमडॉग मिलियनेयर” में अभिनय किया, जिसके लिए वे अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हुए।
ओमपुरी की अविस्मरणीय फ़िल्में
ने अपने अभिनय करियर के दौरान कई अविस्मरणीय फ़िल्मों में अभिनय किया। उनमें से कुछ प्रमुख फ़िल्में इस प्रकार हैं:
- “अर्थ” (1982) – इस फ़िल्म में उन्होंने एक गरीब टैक्सी ड्राइवर का किरदार निभाया और अपने अभिनय के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी जीता।
- “दोन” (1978) – इस फ़िल्म में उन्होंने एक नकली डॉक्टर का किरदार निभाया, और वे इस फ़िल्म के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी जीते।
- “म्यूंबई मेरी जान” (2008) – इस फ़िल्म में उन्होंने मुंबई के सड़कों पर जीवन यात्रा करने वाले एक डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म मेकर का किरदार निभाया और फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार की मांग की।
- “जूमा बराबार जूम” (1982) – इस फ़िल्म में उन्होंने एक आम आदमी का किरदार निभाया, और उन्हें बेस्ट एक्टर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- “मसान” (2015) – इस फ़िल्म में उन्होंने एक पंजाबी पिण्ड के प्रेमी का किरदार निभाया और फ़िल्म के लिए वे कई पुरस्कार भी जीते।
ओमपुरी जी का निधन
ओमपुरी का निधन 6 जनवरी 2017 को लंदन, यूनाइटेड किंगडम में हुआ, जिससे बॉलीवुड और सिनेमा जगत में एक बड़ी हानि हुई। उनकी मौके पर मौके आने वाली फ़िल्मों के लिए उम्र के बावजूद उनका अभिनय आज भी अनमोल है। ओमपुरी का निधन एक शोकजनक पल था, और उनके चले जाने से बॉलीवुड एक महान अभिनेता की कमी महसूस कर रही है।
ओमपुरी के बचपन से लेकर उनकी सफलता तक की यह ज़िंदगी कहानी हमें यह सिखाती है कि महत्वपूर्ण बातें हमें वह लोग सिखा सकते हैं जो कभी हालातों के बावजूद अपने सपनों का पीछा करते हैं और अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करते हैं। ओमपुरी की कड़ी मेहनत, उनका अद्वितीय अभिनय, और उनकी संघर्षपूर्ण कहानी हमें प्रेरित करती है कि हालातों के बावजूद हम अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।
ओमपुरी का नाम आज भी बॉलीवुड में एक महान अभिनेता के रूप में याद किया जाता है और उनके अद्वितीय अभिनय कौशल का सम्मान किया जाता है। उनके अभिनय ने हमें सोचने की प्रेरणा दी, और उनकी फ़िल्में हमें समाज की विभिन्न मुद्दों पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित की।
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