MP Cabinet: 29 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के औद्योगिक विकास और श्रम कानूनों में बदलाव संबंधी कई अहम फैसले लिए गए। मध्यप्रदेश सरकार ने 29 जुलाई 2025 को हुई कैबिनेट मीटिंग में प्रदेश के औद्योगिक और प्रशासनिक ढांचे को सशक्त बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। यह बैठक विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान समिति कक्ष क्रमांक-1 में आयोजित की गई थी।
बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की। इस बैठक में विशेष रूप से बाबई मोहासा क्षेत्र में उद्योगों के लिए जमीन देने में राहत, विक्रमपुरी औद्योगिक क्षेत्र में अधिग्रहण, तथा चार प्रमुख विधेयकों की स्वीकृति जैसे फैसले लिए गए। यह सभी निर्णय प्रदेश में निवेश और औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से लिए गए हैं।
बाबई मोहासा क्षेत्र में उद्योगों को जमीन में छूट
राज्य सरकार ने बाबई मोहासा क्षेत्र में उद्योग लगाने के इच्छुक निवेशकों को बड़ी राहत दी है। यहां आरक्षित भूमि पर उद्योगों के लिए छूट प्रदान की जाएगी, जिससे इस क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। सरकार का मानना है कि यह फैसला न सिर्फ स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ाएगा, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास में भी सहायक होगा।
यह कदम ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के तहत प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने की दिशा में लिया गया है। सरकार की योजना है कि बाबई मोहासा को एक उद्योगिक हब के रूप में विकसित किया जाए।

विक्रमपुरी इंडस्ट्रियल एरिया में भूमि अधिग्रहण को हरी झंडी
कैबिनेट ने विक्रमपुरी औद्योगिक क्षेत्र में आवश्यक भूमि के अधिग्रहण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से इस क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का रास्ता साफ हो गया है। प्रस्ताव के अनुसार, आसपास के गांवों की वह भूमि जो लंबे समय से औद्योगिक उपयोग के लिए चिन्हित थी, उसे अब औपचारिक रूप से अधिग्रहण कर संबंधित विकास योजनाओं में उपयोग में लाया जाएगा।
यह अधिग्रहण पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया और उचित मुआवजा नीति के अंतर्गत किया जाएगा, जिससे प्रभावित लोगों के हितों की सुरक्षा हो सके।
कैबिनेट ने जिन चार विधेयकों को मंजूरी दी:
राज्य सरकार ने इस कैबिनेट बैठक में चार महत्वपूर्ण विधेयकों को मंजूरी दी, जो मौजूदा कानूनों में संशोधन कर राज्य की नीतियों को ज्यादा प्रगतिशील और व्यवहारिक बनाने में सहायक होंगे। इन विधेयकों को आगामी विधानसभा सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा। चारों विधेयकों का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है:
1. विश्वास संशोधन विधेयक 2025
इस विधेयक के तहत सरकारी सेवाओं, योजनाओं या विभागीय कामकाज से जुड़ी प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने का प्रस्ताव है। जनता और शासन के बीच विश्वास बढ़ाने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
2. माध्यमस्थ अधिकरण संशोधन विधेयक
यह संशोधन मुख्य रूप से विवादों के समाधान की प्रक्रिया में सुधार लाने के उद्देश्य से है। इसका मकसद है कि मध्यस्थता प्रणाली को ज्यादा कारगर और समयबद्ध बनाया जा सके।
3. दुकान स्थापना अधिनियम संशोधन विधेयक
इस विधेयक के माध्यम से दुकानों, प्रतिष्ठानों और व्यापारिक इकाइयों से जुड़े नियमों में कुछ संशोधन प्रस्तावित हैं, ताकि व्यवसायिक गतिविधियों को ज्यादा सुगम और सरल बनाया जा सके। यह बदलाव श्रमिकों और व्यापारियों दोनों के हितों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।
4. कारखाना अधिनियम संशोधन विधेयक
इसमें कारखानों में कार्यरत श्रमिकों के अधिकारों, सुरक्षा और काम के वातावरण से जुड़ी नीतियों में सुधार किया जाएगा। इसके साथ ही उद्योगपतियों के लिए भी कुछ प्रक्रियाओं को सरल और डिजिटल बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

सरकार का उद्देश्य: निवेश, रोजगार और विकास
इन सभी फैसलों से स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार का प्रमुख उद्देश्य है – राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ाना, स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना।
बाबई मोहासा और विक्रमपुरी जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में की जा रही योजनाएं आने वाले समय में राज्य को एक उद्योग-समर्थ राज्य के रूप में स्थापित कर सकती हैं।
MP Cabinet
कैबिनेट की यह बैठक प्रदेश के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव मानी जा रही है। जमीन में छूट और अधिग्रहण की नीतियों से जहां नए उद्योगों को जमीन उपलब्ध कराई जा सकेगी, वहीं नए विधेयकों से प्रशासनिक पारदर्शिता, श्रमिक सुरक्षा और व्यापारिक सुधार को बल मिलेगा।
सरकार के इन फैसलों से उद्योग, निवेशक और आमजन सभी को लाभ मिलने की संभावना है। आगामी विधानसभा सत्र में जब ये विधेयक पारित होंगे, तब इनके क्रियान्वयन की दिशा में और स्पष्टता आएगी।