हिमाचल में कुदरत का कहर बनकर बरस रही बारिश!! 153 से ज्यादा मौतें, 222 सड़कें ठप, अगले तीन दिन और भी नाजुक होगें हालात

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हिमाचल में कुदरत का कहर बनकर बरस रही बारिश!! 153 से ज्यादा मौतें, 222 सड़कें ठप, अगले तीन दिन और भी नाजुक होगें हालात
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हिमाचल प्रदेश में हाई अलर्ट, Himachal Disaster: मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है, खासकर मंडी, शिमला, सिरमौर, कांगड़ा और कुल्लू जैसे जिलों में सतर्क रहने की ज़रूरत।

हिमाचल प्रदेश में मानसून इस बार कहर बनकर बरस रहा है। भारी बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। अब तक 153 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से ज़्यादातर मौतें भूस्खलन, घर गिरने और सड़क हादसों से हुई हैं। राज्य के कई हिस्सों में अभी भी हालात बिगड़े हुए हैं और हालात सुधरने के आसार नहीं दिख रहे।

मौसम विभाग की हिमाचल में चेतावनी

मौसम विज्ञान केंद्र ने जानकारी दी है कि 26 जुलाई को मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में कुछ जगहों पर तेज बारिश हो सकती है, जिससे तापमान में गिरावट आने की आशंका है। वहीं 27 जुलाई को कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना जिलों में भी भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग का अनुमान है कि 29 जुलाई तक रुक-रुक कर तेज बारिश जारी रह सकती है।

222 सड़कें बंद, यातायात बाधित

राज्यभर में बारिश की वजह से सड़कें बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। मंडी-कोटली नेशनल हाईवे सहित कुल 222 सड़कें अभी भी बंद हैं। इनमें सबसे ज़्यादा रास्ते मंडी जिले में प्रभावित हैं, जहां 144 सड़कें बंद हैं। कुल्लू में 48, कांगड़ा में 11, लाहौल-स्पीति में 6, चंबा में 4, सिरमौर और ऊना में 3-3, शिमला में 2 और सोलन में 1 सड़क पर आवाजाही ठप है।

हिमाचल में कुदरत का कहर बनकर बरस रही बारिश!! 153 से ज्यादा मौतें, 222 सड़कें ठप, अगले तीन दिन और भी नाजुक होगें हालात

पेयजल और बिजली सेवाएं भी प्रभावित

भारी वर्षा का असर सिर्फ यातायात पर ही नहीं, बल्कि बिजली और जल सेवाओं पर भी पड़ा है। प्रदेशभर में 36 ट्रांसफार्मर काम नहीं कर रहे हैं और 152 पेयजल योजनाएं ठप हो चुकी हैं। मंडी जिले में 78 जल योजनाएं प्रभावित हैं जबकि कांगड़ा में 68, बाकी अन्य जिलों में कुछ योजनाएं अब भी बाधित हैं।

नुकसान की घटनाएं लगातार बढ़ रही

शिमला के रामनगर इलाके में एक पेड़ गिरने से घर को नुकसान पहुंचा है। वहीं चंबा जिले में नकड़ोड़ू-चांजू सड़क मार्ग भूस्खलन की वजह से करीब सात घंटे तक बंद रहा। शुक्रवार को प्रदेश के कई इलाकों में सुबह हल्की धूप निकली थी, लेकिन दोपहर बाद से मौसम ने फिर करवट ली और बारिश शुरू हो गई।

अब तक की मौतों का आंकड़ा

इस बार के मानसून में अब तक कुल 153 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 82 मौतें बारिश से जुड़ी घटनाओं जैसे मकान गिरना, लैंडस्लाइड और बाढ़ से हुई हैं। जबकि 72 लोगों की जान सड़कों की खस्ता हालत के कारण हुई दुर्घटनाओं में गई है।

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सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्र

  • मंडी: सबसे बुरी तरह प्रभावित ज़िला है जहां 144 सड़कें बंद और 65 जल योजनाएं बाधित हैं
  • कुल्लू: यहां 48 सड़कें और कई क्षेत्र जल संकट से जूझ रहे हैं
  • कांगड़ा: 11 रास्ते बंद और 59 जल योजनाएं प्रभावित हैं

आने वाले दिनों में सतर्कता ज़रूरी

मौसम विभाग ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें, पहाड़ी इलाकों में सतर्क रहें और किसी भी तरह की आपदा सूचना पर प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। भारी बारिश के चलते पहाड़ों पर फिसलन और भूस्खलन का खतरा लगातार बना हुआ है।


मौसम विभाग का अलर्ट

हिमाचल प्रदेश इस समय कठिन दौर से गुजर रहा है। लगातार बारिश और उससे जुड़ी आपदाएं जन-जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रही हैं। प्रशासन लगातार राहत कार्यों में जुटा है लेकिन लोगों की सतर्कता और सहयोग से ही बड़ी क्षति से बचा जा सकता है। अगर आप पहाड़ी इलाकों में रह रहे हैं या यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो मौसम की जानकारी जरूर लें और सावधानी बरतें।

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