हमारे शरीर का हर अंग कुछ न कुछ संकेत देता रहता है, ताकि हम समय रहते किसी भी बीमारी को पहचान सकें। पेशाब का रंग भी ऐसा ही एक संकेत है, जो आपकी सेहत की असलियत बयां करता है। अगर आपने कभी गौर किया हो कि आपके पेशाब का रंग कभी हल्का पीला, कभी गहरा, तो कभी थोड़ा गुलाबी या भूरा सा दिखाई देता है, तो ये केवल पानी की कमी नहीं बल्कि किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है।
इस लेख में हम जानेंगे कि पेशाब के विभिन्न रंगों का क्या मतलब होता है, कब सतर्क हो जाना चाहिए, और कब डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी हो जाता है।
पेशाब का सामान्य रंग कैसा होता है?
स्वस्थ व्यक्ति का पेशाब हल्का पीला या स्ट्रॉ-कलर (straw color) का होता है। इसका मतलब है कि शरीर में पानी की मात्रा संतुलित है और फिलहाल कोई गंभीर समस्या नहीं है।
रंग बदलना तब खतरनाक हो सकता है जब यह असामान्य दिखने लगे जैसे गहरा पीला, नारंगी, भूरा, लाल या हरा।
पेशाब के रंग और उनके पीछे छिपे संकेत
1. पारदर्शी या बहुत हल्का पीला
👉 संकेत: शरीर में पानी की अधिकता
👉 कब चिंता करें: अगर यह बहुत समय तक लगातार रहे, तो यह शरीर में इलेक्ट्रोलाइट की कमी का संकेत भी हो सकता है।
2. हल्का पीला (स्ट्रॉ कलर)
👉 संकेत: यह एकदम सामान्य और स्वस्थ रंग है।
👉 क्या करें: शरीर का जल स्तर अच्छा है, ऐसे ही बनाए रखें।
3. गहरा पीला या एम्बर रंग
👉 संकेत: पानी की कमी।
👉 क्या करें: पानी की मात्रा बढ़ाएं।

4. नारंगी रंग
👉 संकेत: डिहाइड्रेशन, लिवर संबंधी समस्याएं, या कुछ दवाइयों का असर।
👉 कब चिंता करें: यदि साथ में त्वचा या आंखें पीली दिखें, तो डॉक्टर से मिलें।
5. भूरा या डार्क ब्राउन
👉 संकेत: गंभीर डिहाइड्रेशन या लिवर की बीमारी जैसे हेपेटाइटिस।
👉 क्या करें: तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
6. गुलाबी या लाल रंग
👉 संकेत: पेशाब में खून हो सकता है (Hematuria)।
👉 संभावित कारण: यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, किडनी स्टोन, प्रोस्टेट समस्या या कैंसर तक।
👉 क्या करें: तुरंत जांच कराएं।
7. नीला या हरा रंग
👉 संकेत: दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी या कुछ विशेष दवाइयों का असर।
👉 क्या करें: डॉक्टर से जांच कराएं।
पेशाब से जुड़ी अन्य जरूरी बातें
✅ गंध: पेशाब से तेज़ गंध आना भी संक्रमण या दवाओं का संकेत हो सकता है।
✅ फोम आना: प्रोटीन की मात्रा अधिक होना या किडनी की समस्या का संकेत हो सकता है।
✅ दर्द के साथ पेशाब: यह संक्रमण, पथरी या अन्य समस्या का संकेत है।
पेशाब के रंग से जुड़ी सावधानियां
- हमेशा अपने पेशाब के रंग पर ध्यान दें, खासकर तब जब वह बार-बार बदल रहा हो।
- अगर पेशाब के रंग में कोई अजीब बदलाव दिखे जो दो-तीन दिन से ज्यादा समय तक बना रहे, तो डॉक्टर से जरूर मिलें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ताकि शरीर में टॉक्सिन बाहर निकलते रहें।

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घरेलू उपाय शरीर को डिटॉक्स करने के लिए
- नींबू पानी: सुबह एक गिलास नींबू पानी शरीर को साफ करता है।
- नारियल पानी: यह किडनी के लिए फायदेमंद है और पानी की कमी पूरी करता है।
- अजवाइन का पानी: पाचन और डिटॉक्स के लिए अच्छा।
- धनिया पानी: यूरिन से जुड़ी समस्याओं के लिए कारगर।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
- जब पेशाब का रंग लगातार गहरा, भूरा या खून जैसा दिखे।
- पेशाब में झाग, जलन या दुर्गंध हो।
- पेशाब के साथ पेट या कमर में दर्द हो।
निष्कर्ष
पेशाब का रंग एक बहुत ही सरल लेकिन असरदार तरीका है यह जानने का कि हमारे शरीर के अंदर सब कुछ ठीक चल रहा है या नहीं। अगर आप समय रहते इसके संकेतों को समझ लें, तो कई गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं।
तो अगली बार जब आप वॉशरूम जाएं, तो सिर्फ आराम न पाएं – एक नजर अपने पेशाब के रंग पर भी डालें। आपकी सेहत आपको धन्यवाद कहेगी।