MP मध्यप्रदेश में राशन वितरण प्रणाली को लेकर एक नई सरकारी रिपोर्ट सामने आई है, जिसने हैरान करने वाले तथ्य उजागर किए हैं। हाल ही में हुए एक सर्वे से पता चला है कि लाखों ऐसे परिवार जो संपन्न और सक्षम हैं, वे भी गरीबों के लिए तय किए गए सस्ते राशन का लाभ उठा रहे हैं। यह रिपोर्ट राज्य सरकार की ओर से तैयार की गई है और इसमें डिजिटल सिस्टम और सरकारी आंकड़ों के विश्लेषण के जरिए इन परिवारों की पहचान की गई है।
PDS सर्वे में क्या सामने आया?
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, 65 लाख 82 हजार से अधिक परिवार ऐसे हैं जिनके पास 1 हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि है। इसके बावजूद, ये परिवार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) से मिलने वाले सस्ते राशन का लाभ उठा रहे हैं, जो मुख्य रूप से गरीबों के लिए निर्धारित है।
इस रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि:
- 1.57 लाख परिवारों की वार्षिक आय 6 लाख रुपये से अधिक है।
- 1381 परिवार ऐसे हैं जिनकी सालाना कमाई 25 लाख रुपये से ज्यादा है।
- बावजूद इसके, ये सभी भी BPL (गरीबी रेखा से नीचे) की सूची में दर्ज हैं और सरकार से सस्ता राशन प्राप्त कर रहे हैं।

किन स्रोतों से मिली जानकारी?
इस सर्वे में PM किसान योजना, आयकर विभाग, GST पोर्टल और अन्य सरकारी डाटा स्रोतों की मदद ली गई।
PDS व्यवस्था के डिजिटल होने और e-KYC के माध्यम से अपात्र लोगों की पहचान की जा सकी।
चौंकाने वाले आंकड़े – अपात्र परिवारों की स्थिति
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक:
- 18,226 लोग कंपनियों में डायरेक्टर या संचालक हैं।
- कई GST पंजीकृत व्यापारी भी गरीबों के लिए निर्धारित राशन योजना का लाभ ले रहे हैं।
- कुल 67.05 लाख ऐसे संदेहास्पद परिवार हैं, जिनकी पात्रता पर प्रश्नचिह्न है।
कौन से जिले हुए चिन्हित?
- सबसे अधिक अपात्र उपभोक्ता बालाघाट जिले में पाए गए हैं।
- इसके बाद भोपाल, इंदौर और विदिशा को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चयनित किया गया है, जहां इन आंकड़ों की क्रॉस-वेरिफिकेशन की जाएगी।
श्रेणीवार आंकड़े – कौन-कौन लाभ ले रहा?
श्रेणी | कुल परिवार | 1 हेक्टेयर+ भूमि वाले | 6 लाख+ आय वाले | कंपनी संचालक |
---|---|---|---|---|
BPL परिवार | 60,49,785 | 32,00,010 | 65,369 | 8,087 |
भवन निर्माण कर्मकार | 13,86,613 | 7,35,681 | 15,370 | 2,311 |
अंत्योदय अन्न योजना | 13,76,755 | 6,36,484 | 6,534 | 937 |
सामाजिक सुरक्षा पेंशन | 5,60,335 | 4,65,715 | 12,493 | 1,469 |
अनुसूचित जनजाति | 12,15,358 | 4,68,980 | 6,115 | 1,035 |
अनुसूचित जाति | 8,38,628 | 3,19,953 | 9,889 | 864 |

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आगे की योजना क्या है?
राज्य सरकार ने तय किया है कि:
- चार जिलों में क्रॉस वेरिफिकेशन अभियान चलाया जाएगा।
- ऐसे सभी मामलों की जांच की जाएगी जहां डुप्लीकेट नाम, गलत श्रेणी या अद्यतन न होने वाले रिकॉर्ड हैं।
- अपात्र लोगों को सिस्टम से हटाया जाएगा और वास्तव में जरूरतमंद परिवारों को योजना का लाभ दिलाया जाएगा।
निष्कर्ष:
यह सर्वे मध्यप्रदेश में PDS प्रणाली की पारदर्शिता और डिजिटल निगरानी की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब सरकार उन परिवारों को सिस्टम से बाहर करेगी जो पात्र नहीं हैं, जिससे असली गरीबों को राहत मिल सकेगी। यह प्रयास सरकारी योजनाओं के सही उपयोग और सामाजिक न्याय की दिशा में अहम साबित होगा।