ISKCON Mandir Attack: अमेरिका के उटाह राज्य में स्थित श्री श्री राधा-कृष्ण ISKCON मंदिर एक बार फिर हिंसा का शिकार बना है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस शांतिपूर्ण धार्मिक स्थल पर अज्ञात असामाजिक तत्वों ने हमला करते हुए 20 से 30 गोलियां चलाईं। गोलीबारी मंदिर की दीवारों और मुख्य द्वार को निशाना बनाते हुए की गई। इस घटना ने अमेरिका में रह रहे भारतीयों के बीच गहरी चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है।
भारतीय दूतावास की सख्त प्रतिक्रिया
सैन फ्रांसिस्को में मौजूद भारतीय वाणिज्य दूतावास ने इस कृत्य की तीव्र निंदा करते हुए अमेरिकी प्रशासन से तत्काल कार्रवाई और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है। दूतावास ने कहा, “यह घटना बेहद दुखद है। हम उटाह के स्पैनिश फोर्क में स्थित इस्कॉन मंदिर पर हुए इस हिंसक हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। हम मंदिर प्रशासन और श्रद्धालुओं के साथ खड़े हैं और अमेरिकी अधिकारियों से दोषियों को शीघ्र पकड़ने की अपील करते हैं।”
होली उत्सव के दौरान हुआ हमला
गौरतलब है कि हाल ही में मंदिर में होली महोत्सव मनाया जा रहा था। इस भव्य और रंगों से सजी सांस्कृतिक परंपरा के चलते मंदिर में सैकड़ों श्रद्धालु जुटे हुए थे। इसी बीच, रात के समय इन हमलों को अंजाम दिया गया। ISKCON संगठन ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी कि यह एक संभावित हेट क्राइम (घृणा अपराध) हो सकता है।
इन हमलों के चलते मंदिर की संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है। मंदिर की मरम्मत पर हजारों डॉलर का खर्च आ सकता है। इतना ही नहीं, श्रद्धालु समुदाय के भीतर भय का माहौल भी बन गया है।

तीन बार हुआ हमला, मंदिर प्रमुख ने जताई चिंता
Fox News की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह ISKCON मंदिर करीब 15 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और इसकी स्थापना 1990 के दशक में हुई थी। मंदिर परिसर में मोर, गायें और अन्य जीव-जंतु भी निवास करते हैं, जिससे यह स्थान एक जीवंत आध्यात्मिक केंद्र बन गया है।
मंदिर के अध्यक्ष वई वार्डन ने बताया कि यह हमला जून महीने में तीन अलग-अलग बार किया गया। दीवारों पर गोलियों के निशान साफ देखे जा सकते हैं। उन्होंने कहा, “इतने वर्षों में कभी ऐसा नहीं हुआ। हम चकित हैं और चिंतित भी कि अचानक मंदिर को इस तरह निशाना क्यों बनाया जा रहा है।” उन्होंने भी दोषियों की गिरफ्तारी की सख्त मांग की है।
धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर उठे सवाल
इस प्रकार की घटनाएं यह प्रश्न खड़ा करती हैं कि अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक देश में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा कितनी सुनिश्चित है। विशेषकर जब बात भारत जैसे बहुसांस्कृतिक और बहुधार्मिक देश से जुड़े समुदाय की हो, तब यह सुरक्षा और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। इस तरह की घटनाएं ना केवल धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला हैं, बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द पर भी आघात हैं।
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
स्थानीय भारतीय मूल के नागरिकों और श्रद्धालुओं में गहरा आक्रोश और असुरक्षा की भावना देखी जा रही है। कई सामाजिक संगठनों और धर्मगुरुओं ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द जांच कर अपराधियों को सज़ा दी जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

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ISKCON का बयान: हम डरने वाले नहीं
ISKCON संस्था ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि “हम प्रेम, भक्ति और शांति का मार्ग अपनाते हैं। इस प्रकार के भयावह हमलों से हम डरेंगे नहीं। हमारी आस्था और सेवा निरंतर जारी रहेगी। हम यह जरूर चाहेंगे कि प्रशासन हमारी सुरक्षा को लेकर गंभीर हो।”
भारत सरकार की नजर ISKCON पर हमला क्या है ?
भारत सरकार ने भी इस घटना को गंभीरता से लेते हुए राजनयिक स्तर पर अमेरिका से संपर्क किया है। विदेश मंत्रालय की ओर से बताया गया कि अमेरिका स्थित दूतावास और कांसुलेट इस मामले की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और लगातार संपर्क में हैं।
क्या अब भी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को हल्के में लेंगे?
उटाह स्थित इस्कॉन मंदिर पर हुआ हमला एक गंभीर चेतावनी है। यह घटना ना केवल एक धार्मिक स्थल पर हमला है, बल्कि सम्पूर्ण भारतीय संस्कृति और उसकी सहिष्णुता पर हमला है। अमेरिका जैसे विकसित देश में भी यदि इस प्रकार के घृणा-प्रेरित हमले हो सकते हैं, तो यह वैश्विक स्तर पर चिंताजनक है।
आवश्यक है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ऐसी घटनाओं की अनदेखी न करे। सुरक्षा एजेंसियां, प्रशासन और आम नागरिकों को मिलकर धार्मिक सहिष्णुता और सम्मान को बनाए रखने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।