Pakistani Army Convoy Attack: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के नॉर्थ वजीरिस्तान जिले में सेना के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले ने पूरे देश को दहला दिया है। इस दर्दनाक हमले में पाकिस्तानी सेना के 13 जवान शहीद हो गए, जबकि 29 लोग घायल बताए जा रहे हैं। धमाका इतना भीषण था कि आस-पास के घरों को भी भारी नुकसान हुआ और कई बच्चे घायल हो गए।
फिलहाल किसी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन शक तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) पर गहराता जा रहा है। पढ़ें पूरी खबर इस हमले से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी के साथ।
पाकिस्तान में बड़ा आतंकी हमला, 13 जवान शहीद
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आज एक बार फिर आतंक ने कहर बरपाया है। नॉर्थ वज़ीरिस्तान जिले में सेना के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें पाकिस्तान आर्मी के 13 जवानों की मौके पर ही मौत हो गई। हमलावर ने विस्फोटकों से भरी गाड़ी को सेना के वाहन से टकरा दिया, जिससे भयानक विस्फोट हुआ।
हमले की भयावहता से कांपे लोग
स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, धमाका इतना ज़बरदस्त था कि आस-पास की इमारतें भी हिल गईं। सेना के 13 जवानों की मौके पर ही जान चली गई, जबकि इस हमले में 29 लोग घायल हुए हैं। इनमें 10 सैनिक और 19 आम नागरिक शामिल हैं।

गंभीर रूप से घायल लोग अस्पताल में भर्ती
घायलों में से कई की हालत नाजुक बताई जा रही है। सेना के घायल जवानों को सैन्य अस्पताल ले जाया गया है, वहीं आम नागरिकों का इलाज नज़दीकी सरकारी अस्पतालों में जारी है। डॉक्टरों की टीम लगातार घायलों की देखभाल में जुटी हुई है।
बच्चे भी आए चपेट में, घरों को पहुंचा नुकसान
विस्फोट इतना तीव्र था कि आस-पास के कई घरों को भी नुकसान पहुँचा। दो घरों की छतें गिर गईं, जिसके नीचे दबने से छह मासूम बच्चे घायल हो गए। यह हादसा स्थानीय लोगों के लिए किसी सदमे से कम नहीं।
अब पाकिस्तान भी आतंकवाद के शिकंजे में
जिस पाकिस्तान पर लंबे समय तक आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है, आज वह खुद आतंक के साए में जीने को मजबूर हो गया है। पिछले कुछ वर्षों में Pakistan के भीतर आतंकी हमलों की संख्या में तेज़ी आई है और इस बार फिर सेना को इसका बड़ा खामियाज़ा भुगतना पड़ा है।

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कौन है इस हमले के पीछे? (Pakistani Army Convoy Attack)
हालांकि अभी तक किसी आतंकी संगठन ने इस आत्मघाती हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन शक की सुई तहरीक-ए-तालिबान Pakistan (TTP) की ओर जा रही है। यह आतंकी संगठन पहले भी इसी क्षेत्र में सेना और पुलिस पर हमले कर चुका है। विशेषज्ञ मानते हैं कि हमला करने की शैली और लक्ष्य देखकर यह हमला भी टीटीपी की करतूत लग रहा है।
पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
लगातार हो रहे ऐसे हमलों ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सेना और आम जनता दोनों ही खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं। देश के भीतर ही फैले आतंक के नेटवर्क को जड़ से खत्म करना अब पाकिस्तान सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है।