Monsoon 2025 Update: 16 साल बाद समय से पहले आया मॉनसून! इन 3 सेक्टर्स के लिए बना वरदान!

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Monsoon 2025 Update: 16 साल बाद समय से पहले आया मॉनसून! इन 3 सेक्टर्स के लिए बना वरदान!
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Monsoon 2025 Update: 16 साल बाद बारिश ने मचाया तहलका। इस साल भारत में मॉनसून ने समय से पहले दस्तक दी है, जिससे इन 3 क्षेत्रों में बना वरदान खेती, जल संरक्षण और अर्थव्यवस्था को जबरदस्त फायदा मिलने की उम्मीद है।

🌦 2025 में मॉनसून ने कब और कैसे दी एंट्री?

इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून ने तय समय से पूरे 8 दिन पहले यानी 24 मई को केरल में दस्तक दी। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस घोषणा की पुष्टि की थी। सामान्यतः मानसून हर साल 1 जून के आसपास केरल पहुंचता है, लेकिन इस बार इसके जल्दी आने से खरीफ की फसलों को काफी फायदा होगा।

भारत में जून से सितंबर के बीच होने वाली बारिश, पूरे साल की 70% से अधिक वर्षा का हिस्सा होती है। इससे न केवल कृषि क्षेत्र, बल्कि आर्थिक गतिविधियों और जल भंडारण पर भी सीधा असर पड़ता है। इससे पहले 2009 में मानसून ने सबसे पहले 23 मई को प्रवेश किया था।

Monsoon 2025 Update: 16 साल बाद समय से पहले आया मॉनसून! इन 3 सेक्टर्स के लिए बना वरदान!

🛰️ मौसम विभाग कैसे तय करता है कि मानसून आ चुका है?

IMD कुछ खास पैमानों के आधार पर मानसून के आगमन की पुष्टि करता है:

  1. वर्षा का स्तर: केरल और उसके आसपास के 14 मौसम केंद्रों में से कम से कम 60% पर लगातार दो दिन तक 2.5 मिमी या उससे अधिक बारिश होना जरूरी होता है।
  2. हवाओं की दिशा और रफ्तार: मॉनसून के समय समुद्र से आने वाली हवाएं ज़मीन की ओर चलने लगती हैं। इन हवाओं का दबाव स्तर लगभग 600 hPa तक पश्चिम से पूर्व की दिशा में होना चाहिए, जबकि 925 hPa पर इनकी गति लगभग 27 से 37 किमी/घंटा (15–20 नॉट्स) के बीच मानी जाती है।
  3. OLR यानी आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन: यह सैटेलाइट से प्राप्त वह माप होता है जो धरती से निकलने वाली ऊष्मा ऊर्जा को दिखाता है। जब OLR का स्तर 200 वॉट प्रति वर्ग मीटर से कम होता है, तो यह इंगित करता है कि वातावरण में आद्र्रता और गर्मी मौजूद है, जो मानसून के लिए अनुकूल स्थिति होती है।

अगर ये तीनों स्थितियाँ दो दिनों तक बनी रहती हैं, तो IMD मानसून की घोषणा करता है।


🌐 2025 में मानसून जल्दी क्यों आ गया?

इस साल मॉनसून के जल्दी पहुंचने के पीछे कई वैश्विक और स्थानीय मौसमी कारक जिम्मेदार हैं:

  • मैडन-जूलियन ऑस्सिलेशन (MJO): यह एक वैश्विक मौसमीय प्रणाली है जो हिंद महासागर में बनने पर भारत में वर्षा को बढ़ावा देती है। इस बार यह भारत के पक्ष में रहा।
  • मस्करीन हाई (Mascarene High): दक्षिणी हिंद महासागर में बनने वाला यह उच्च दबाव क्षेत्र भारत के पश्चिमी किनारों पर नमी भरी हवाएं पहुंचाता है, जिससे बारिश में तेजी आती है।
  • कन्वेक्शन (Convection): जब धरती की सतह गर्म होती है, तो हवा और नमी ऊपर उठने लगती है। इससे बादल बनने की प्रक्रिया तेज होती है और वर्षा शुरू हो जाती है।
  • सोमाली जेट: अफ्रीका से चलने वाली तेज हवाओं की एक पट्टी अरब सागर के रास्ते भारत तक पहुंचती है, जो मानसून की ताकत को और बढ़ाती है।
  • हीट-लो प्रेशर: पाकिस्तान और उसके आस-पास के इलाकों में बन रहा कम दबाव क्षेत्र समुद्र से नमी खींचता है, जिससे अधिक वर्षा होती है।
  • मानसून ट्रफ: बंगाल की खाड़ी में उत्तर से दक्षिण की ओर फैला एक दबाव क्षेत्र जो मानसून की दिशा और वर्षा की तीव्रता को नियंत्रित करता है। इसके साथ ही, ऑनसेट वोर्टेक्स और प्रेशर ग्रेडिएंट जैसे अन्य मौसमी तत्व भी इस बार मानसून के जल्द आने में सहायक बने।
Monsoon 2025 Update: 16 साल बाद समय से पहले आया मॉनसून! इन 3 सेक्टर्स के लिए बना वरदान!

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🗺️ monsoon 2025 ने कहां-कहां दी दस्तक?

24 मई 2025 को दक्षिण-पश्चिम मानसून ने कई इलाकों में एक साथ प्रवेश किया और जून के अंत तक देश के अधिकतर हिस्सों को कवर कर लिया। शुरुआती रूप से जिन क्षेत्रों में बारिश की शुरुआत हुई, वे हैं:

  • केरल, लक्षद्वीप और माहे (पुडुचेरी का हिस्सा)
  • दक्षिण और मध्य अरब सागर
  • पूर्वी और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी
  • मालदीव और कोमोरिन क्षेत्र
  • दक्षिण और तटीय कर्नाटक, पूर्वोत्तर में मिजोरम

इस बार कर्नाटक में मानसून 10 दिन पहले पहुंचा, जो आमतौर पर 5 जून के आसपास पहुंचता है। अब तक मानसून की उत्तरी सीमा देवगढ़, बेलगावी, हावेरी, मंड्या, धर्मपुरी, चेन्नई, आइज़ोल और कोहिमा तक पहुंच चुकी है।

🌾 मानसून 2025 का तीन क्षेत्रों में सबसे बड़ा फायदा:

  1. खेती-बाड़ी (Agriculture): जल्दी बारिश से धान, मूंगफली, कपास जैसी खरीफ फसलों की बुआई समय से हो पाएगी।
  2. जल भंडारण (Water Storage): जलाशयों में पानी समय से भरने लगेगा, जिससे सूखा प्रभावित क्षेत्रों को राहत मिलेगी।
  3. अर्थव्यवस्था (Economy): अच्छी बारिश से ग्रामीण मांग बढ़ेगी, जिससे GDP और ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा।

Monsoon 2025 Update:

Monsoon 2025 का समय से पहले आना भारत के लिए कई मायनों में शुभ संकेत है। 16 साल बाद आई यह बारिश की लहर खेती से लेकर जल संकट तक को राहत देने का काम कर रही है। यदि इसी तरह मानसून संतुलित तरीके से आगे बढ़ता है, तो देश को कृषि और जल संकट में बड़ी राहत मिल सकती है।

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