9th day of Navratri: नवरात्रि के नौवें दिन सभी सिद्धियों को देनी वाली माँ सिद्धिदात्री की पूजा

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9th day of Navratri: नवरात्रि के नौवें दिन सभी सिद्धियों को देनी वाली माँ सिद्धिदात्री की पूजा
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9th day of Navratri: नवरात्रि के नौवें दिन सभी सिद्धियों को देनी वाली माँ सिद्धिदात्री की पूजा। नवरात्रि का पावन पर्व अनवरत आराध्या देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के रूप में अपनी उच्च स्तर की धार्मिकता और संगीति के लिए प्रसिद्ध है। इस अद्वितीय महोत्सव के नौवें दिन, भगवान दुर्गा के नौवें रूप, जिन्हें ‘सिद्धिदात्री’ कहा जाता है, की पूजा की जाती है। इस दिन का महत्व है ही नहीं केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि समाज में भी इसका विशेष महत्व है, क्योंकि यह एक बड़ा पर्व है जिसमें समाज में सहयोग, समरसता और समर्पण का प्रतीक होता है।

माँ सिद्धिदात्री का परिचय

माँ सिद्धिदात्री का नाम ‘सिद्धि’ और ‘दात्री’ से आता है, जिसका अर्थ होता है ‘सिद्धियों की दात्री’। वह देवी है जो सभी प्राणियों को आशीर्वाद और सिद्धियां देने की क्षमता रखती हैं। वह सबके मनोकामनाओं को पूरा करने की शक्ति धारण करती हैं और अपने भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति के लिए प्रसिद्ध हैं। माँ सिद्धिदात्री की पूजा महान पर्व नवरात्रि के आखिरी दिन की जाती है, जिसे महानवमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन के आराधना में माँ सिद्धिदात्री के प्रति विशेष भक्ति और समर्पण की आवश्यकता होती है,

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माँ सिद्धिदात्री के दर्शन की महत्वपूर्णता

ताकि वह (9th day of Navratri) अपने आशीर्वादों का संपूर्ण स्वरूप में प्राप्त कर सकें। नवरात्रि के नौवें दिन, माँ सिद्धिदात्री के दर्शन करना अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह माँ दुर्गा के आकार का आखिरी रूप होता है और उनके आशीर्वाद से ही समाज का सभी प्रकार का दुख-दरिद्रता मिट सकता है। माँ सिद्धिदात्री (9th day of Navratri) के दर्शन करने से हम अपने जीवन में सफलता, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति की कामना करते हैं और उनकी कृपा से हमें सभी सिद्धियां प्राप्त होती हैं।

9th day of Navratri

माँ सिद्धिदात्री को देवी सरस्वती का रूप भी माना जाता है। माँ के इस रूप को बैंगनी और लाल रंग अत्यंत प्रिय माना जाता है। माँ सिद्धिदात्री की अनुकंपा के परिणामस्वरूप, शिवजी का आधा शरीर भी देवी का हो गया और उन्हें अर्धनारीश्वर कहा गया। आदि शक्ति माँ भवानी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है। नवरात्रि के नौवें दिन, इनकी पूजा की जाती है। माँ का यह रूप सभी प्रकार की सिद्धियों की प्राप्ति के लिए प्रसिद्ध है। माँ सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना से सभी प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं और लौकिक और पारलौकिक सभी प्रकार की मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।

 9th day of Navratri: नवरात्रि के नौवें दिन सभी सिद्धियों को देनी वाली माँ सिद्धिदात्री की पूजा

मां सिद्धिदात्री (9th day of Navratri) का स्वरूप अत्यधिक दिव्य है। मां का वाहन शेर होता है और वे देवी कमल पर आसीन रहती हैं। मां की चार भुजाएं होती हैं, जिनमें दाहिने ओर की निचली भुजा में चक्र, ऊपर की भुजा में गदा, और बाईं ओर की निचली भुजा में शंख और ऊपर की भुजा में कमल का फूल होता है। मां सिद्धिदात्री को देवी सरस्वती का भी स्वरूप माना जाता है। मां को बैंगनी और लाल रंग प्रिय होता है। मां सिद्धिदात्री की कृपा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी से मिला और इसे अर्धनारीश्वर कहा गया।

सिद्धिदात्री की पूजा विधि

पहले, कलश की पूजा करें और उसमें सभी देवी-देवताओं का आदर करें। आपको रोली, मोली, कुमकुम, फूलों से चुनरी और अन्य पूजा सामग्री का उपयोग करके मां के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण दिखाना चाहिए। हलुआ, पूरी, खीर, चने, और नारियल जैसे आहार सामग्री का उपयोग करके माता को प्रसाद चढ़ाना चाहिए। इसके बाद, माता के मंत्रों का जप करना चाहिए। इस दिन, घर में नौ कन्याओं और एक छोटे बच्चे को भोजन करवाना चाहिए। कन्याएँ दो वर्ष से अधिक और दस वर्ष तक की होनी चाहिए, और उनकी संख्या कम से कम नौ होनी चाहिए।

 9th day of Navratri: नवरात्रि के नौवें दिन सभी सिद्धियों को देनी वाली माँ सिद्धिदात्री की पूजा

9th day of Navratri

नंदा पर्वत पर, जिसे हिमाचल के नंदा पर्वत माता के मंदिर के रूप में जाना जाता है, एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यह मान्यता है कि जैसे भगवान शिव को आठ सिद्धियों की प्राप्ति हुई थी, वैसे ही यहां उपासना करने से हमें अष्ट सिद्धियाँ, नौ निधियाँ, बुद्धि और विवेक की प्राप्ति होती है, यह प्राचीन कथाओं में उल्लिखित है। 9th day of Navratri कथा के अनुसार, जब महिषासुर दैत्य अत्याचारों से देवताओं को परेशान कर रहा था, तो सभी देवताएँ भगवान शिव और भगवान विष्णु के पास गईं। उस समय, एक अत्यंत तेजी से उत्पन्न हुई और एक दिव्य शक्ति का निर्माण हुआ, जिसे मां सिद्धिदात्री कहा गया।

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