7th day of Navratri: नवरात्रि के 7वें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा दूर होगा अकाल मृत्यु का भय

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7th day of Navratri: नवरात्रि के 7वें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा दूर होगा अकाल मृत्यु का भय
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7th day of Navratri, Shardiya Navratri Day 7: नवरात्रि के 7वें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा दूर होगा अकाल मृत्यु का भय। नवरात्रि के इस पावन पर्व पर, हम सभी भगवान दुर्गा के शक्ति और साहस का स्मरण करते हैं, और उनके साथ मिलकर बुराई को नष्ट करने की शक्ति प्राप्त करने की कामना करते हैं। नवरात्रि का सातवां दिन, जिसे हम मां कालरात्रि के रूप में जानते हैं, विशेष महत्व रखता है। इस दिन मां कालरात्रि की पूजा करने से आकाल मृत्यु का भय हमारे जीवन से दूर हो सकता है और हमें सुरक्षित और सुखमय जीवन प्राप्त हो सकता है। मां कालरात्रि, नवरात्रि के सातवें दिन का रूप, भगवान दुर्गा का सबसे भयंकर रूप माना जाता है।

मां कालरात्रि की पूजा का महत्व

इसका नाम “कालरात्रि” भयंकर और अंधकारी वातावरण को दर्शाता है। मां कालरात्रि का चित्रण एक श्यामल रंग की मां होती है, जिनके हाथों में कटारी होती है और वे भयानक रूप में खड़ी होती हैं। लेकिन यह रूप भगवान दुर्गा की करुणा और मातृभावना को दर्शाता है, जिनके द्वारा वे अपने भक्तों को सुरक्षित रखती हैं। मां कालरात्रि का महत्व है क्योंकि यह दिन भयानक और अशुभ ताकतों के खिलाफ लड़ने के लिए हमें शक्ति प्रदान करता है। यह दिन अकाल मृत्यु का भय दूर करने का अद्वितीय अवसर प्रदान करता है जिससे हम अपने जीवन को सुखमय और समृद्धि से भर सकते हैं।

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7th day of Navratri: नवरात्रि के 7वें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा दूर होगा अकाल मृत्यु का भय

कालरात्रि की पूजा कैसे करें

  1. पूजा की तैयारी: 7th day of Navratri पूजा की तैयारी महत्वपूर्ण है। आपको मां कालरात्रि की मूर्ति, अक्षत, कुमकुम, गुड़, सिंदूर, चावल, फूल, दीप, दूध, दाहिनी, पूजा की थाली, और पूजा के वस्त्रों की आवश्यकता होती है।
  2. स्थापना: मां कालरात्रि की मूर्ति को एक पवित्र स्थान पर स्थापित करें। मूर्ति के सामने चौथा, लाज और सिंदूर के आलिंगन का भी आयोजन करें।
  3. पूजा: अपने मन, वचन, और क्रिया से मां कालरात्रि की पूजा करें। ध्यान और भक्ति के साथ मां कालरात्रि का ध्यान करें और उनकी कृपा का अनुभव करें।
  4. आरती: मां कालरात्रि की आरती गाएं और उनके सुंदर स्तुति गाने का आनंद लें।
  5. प्रसाद: पूजा के बाद, मां कालरात्रि को प्रसाद के रूप में चावल, काली उड़द दाल, और गुड़ के पुड़ी बनाकर अर्पित करें।
7th day of Navratri: नवरात्रि के 7वें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा दूर होगा अकाल मृत्यु का भय

7th day of Navratri

मां कालरात्रि की पूजा करने से हम अकाल मृत्यु का भय दूर कर सकते हैं। यह (7th day of Navratri) दिन भगवान दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का समय है, और हमें अपने जीवन में सुख, समृद्धि, और सुरक्षा प्रदान कर सकता है। इसके अलावा, कालरात्रि की पूजा हमें साहस और स्थिरता की भावना देती है। यह दिन हमें दुर्गा माँ की महत्वपूर्ण गुणों की ओर प्रवृत्त करता है, जैसे कि साहस, संकटों के पार करने की क्षमता, और समर्पण। कालरात्रि के दिन की पूजा न केवल दीव्य शक्ति के प्रति हमारी विश्वास को मजबूत करती है,

बल्कि यह हमें भय और अंधकार के खिलाफ उत्साहित करती है, जिससे हम अपने जीवन में प्रतिबद्ध रहकर बड़े समर्थन को प्राप्त कर सकते हैं। इस दिन, भक्त अपने आप को मां कालरात्रि की भक्ति में समर्पित करते हैं और उनकी कृपा का अनुभव करते हैं। यह समय है कि हम अपने जीवन में अशुभ ताकतों के खिलाफ खड़े हों और उन्हें पराजित करें। कालरात्रि की पूजा करने से हम अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी सुधार सकते हैं। यह हमारे अंदर के नकारात्मक शक्तियों को शांत करने में मदद करती है और स्थिर बनाती है।

 7th day of Navratri: नवरात्रि के 7वें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा दूर होगा अकाल मृत्यु का भय

7th day of Navratri

इस नवरात्रि (7th day of Navratri), मां कालरात्रि की पूजा को समर्पित रूप से करें और अपने जीवन में सुख, समृद्धि, और सुरक्षा की प्राप्ति के लिए उनकी कृपा का आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके अलावा, अपने आस-पास के लोगों को भी इस पूजा का महत्व समझाएं और सभी को सद्गुणों का पालन करने के लिए प्रेरित करें। नवरात्रि के इस महत्वपूर्ण अवसर पर, हम सभी को शक्ति, साहस, और आत्म-समर्पण की भावना से युक्त होना चाहिए और अपने जीवन को सुखमय और समृद्धि से भरने का निश्चय करना चाहिए।

इस Navratri day 7 नवरात्रि, मां कालरात्रि की पूजा के माध्यम से हम सभी को अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाने की शक्ति को पुकारें और अपने जीवन को सुरक्षित रखने के लिए मां कालरात्रि की कृपा का आशीर्वाद प्राप्त करें। नवरात्रि के इस महत्वपूर्ण दिन के साथ ही, हमें अपने आस-पास के समाज को भी उत्साहित करने का मौका मिलता है। हम सभी को इस अवसर का उपयोग करके अपने दोस्तों और परिवारजनों को धर्मिक और मानसिक तौर पर समर्पित बनने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

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टल जाएगा अकाल मृत्यु का खतरा

नवरात्रि के दौरान, आप (7th day of Navratri) अपने आस-पास के लोगों के साथ मिलकर भगवान की पूजा करने का आनंद ले सकते हैं, और अपने दुखों और संकटों को साझा करके समाधान पाने के लिए समर्थ हो सकते हैं। यह एक साथी भावना का महत्वपूर्ण उदाहरण है, जो समृद्धि और खुशियों की ओर एक कदम आगे बढ़ने के लिए सभी को साथ लेकर जाता है। Navratri day 7 के सातवें दिन का महत्व है कि यह दिन भगवान के भक्तों को साहस, उत्साह, और दृढ़ आस्था का अद्वितीय अवसर प्रदान करता है।

7th day of Navratri

यह दिन हमें अवसर देता है कि हम अपनी आत्मा की गहराइयों में बसे दुर्गा की शक्ति को पहचान सकते हैं और उसके साथ जुड़कर अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। इस दिन की पूजा करने से हम अपने जीवन को बेहतर तरीके से संचालित करने की कल्पना कर सकते हैं और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए संकल्पित हो सकते हैं। इस नवरात्रि, हमें सभी को आकार्षित करने वाली भगवान दुर्गा की शक्ति, साहस, और उत्साह से युक्त रहने का आदर्श प्राप्त करने के लिए इस पवित्र दिन का समर्पण करना चाहिए।

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